
शामली। शामली के जिला गन्ना अधिकारी सहित 11 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। शासन की इस कार्रवाई के कारण विभाग में हडकंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022 में गन्ना विभाग अमरोहा में पौने पांच करोड़ रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले में उप गन्ना आयुक्त मुरादाबाद द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के बाबू आशीष सैनी पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गजरौला, गन्ना विकास परिषद चंदनपुर कार्यालय की संलिप्तता पाई गई।
टीम ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक के अभिलेखों की जांच की थी। जिसमें पाया गया था कि अमरोहा गन्ना विभाग के काबू आशीष सैनी ने अलग-अलग बैंक से रकम की निकासी की है। इसके अलावा आशीष सैनी द्वारा अपनी पत्नी प्रीति सैनी के गन्ना विकास परिषद गजरौला व चंदनपुर के यूनियन बैंक अमरोहा, कैनरा बैंक अमरोहा, एचडीएफसी अमरोहा, पीएनबी अमरोहा, कैनरा बैंक गजरौला, एक्सिस बैंक गजरौला एवं जिला सहकारी बैंक के खाते में से रकम ट्रांसफर की गई।
गबन की पुष्टि होने पर तत्कालीन ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक प्रीतम सिंह ने 16 जुलाई-22 को गजरौला में आशीष सैनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
उधर, गत अगस्त माह में डीसीओ कार्यालय के अभिलेख चोरी का थाना अमरोहा देहात में एससीडीआई प्रीतम सिंह सहित आठ के खिलाफ केस दर्ज होने पर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। इसके अलावा विभागीय जांच भी कराई गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक आशीष सैनी जिस रकम को निकालता था, उस पर तत्कालीन अधिकारियों से ही हस्ताक्षर कराता था।
पूरे मामले में शासन ने शामली में तैनात जिला गन्नाधिकारी विजय बहादुर सिंह, अमरोहा में तैनात जिला गन्नाधिकारी और विभाग के 9 अन्य कर्मचारियों सहित 11 को निलंबित कर दिया गया है।
क्राइम ब्रांच और पुलिस द्वारा वर्ष-2012 तक के अभिलेखों की जांच में परत खुलती चली गईं। सामने आया कि पौने पांच करोड़ रुपये का गबन बाबू आशीष सैनी अपने वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नहीं कर सकता था।
शामली के डीसीओ विजय बहादुर सिंह का कहना है कि उन पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। उन्हें निलंबन का कोई आदेश नहीं मिला है। अमरोहा में तैनाती के दौरान जिस बाबू ने गबन किया था उसे निलंबित कर दिया गया था। गबन से मेरा कोई लेना देना नहीं है।
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