मुजफ्फरनगर. आयकर विभाग के तीन कर्मचारियों ने मिलीभगत कर जिन 11 व्यापारियों के खाते में फर्जी तरीके से रिफंड के 1.39 करोड़ रुपये पहुंचा दिए। मुजफ्फरनगर जिले के जिन 11 व्यापारियों के खातों में रुपये पहुंचाए गए, वह सभी सीबीआई के रडार पर हैं। शाहपुर के ठेकेदार से एक बार पूछताछ हो चुकी है, अब एक-एक कर सभी से पूछताछ की तैयारी है।
आयकर विभाग के इंस्पेक्टर रोहित कुमार और दो लिपिकों अभयकांत एवं सौरभ सिंह ने अपने परिचित 11 व्यापारियों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से उनके खातों में रिफंड के एक करोड़ 39 लाख रुपये डाल दिए थे। यह पैसा अधिकारियों के आरएसए टोकन का गलत प्रयोग करके डाला गया। इन तीनों कर्मचारियों ने यह घोटाला एक अगस्त 2020 से 25 अगस्त 2021 के बीच किया।
विभाग के संयुक्त आयकर आयुक्त मयंक कुमार ने लेखा-जोखा की जांच के दौरान यह पूरा मामला पकड़ा और कानपुर में हेड ऑफिस को पूरी जानकारी दी गई। हेड ऑफिस ने प्रथम दृष्टया तीनों कर्मचारियों को फरवरी माह में ही निलंबित कर दिया था।
जांच आगे बढ़ी तो मयंक कुमार ने सीबीआई जांच के लिए संस्तुति कर दी। सीबीआई ने पूरे मामले की जांच प्रारंभ कर दी है। अब तीनों कर्मचारियों और उन 11 व्यापारियों से पूछताछ होगी, जिनके खाते में पैसा गया है। इसी कड़ी में दो दिन पहले शाहपुर में व्यापारी सिराज मलिक से पूछताछ की गई। अन्य दस की सूची भी सीबीआई के पास है और सभी सीबीआई के रडार पर हैं।
जांच में फंसे सभी 11 व्यापारी और ठेकेदारों की इन कर्मचारियों से अच्छी दोस्ती रही है। मामला खुलने के बाद तीनों कर्मचारी 35 लाख रुपये जमा भी कर चुके हैं। अब सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
आयकर विभाग में अधिकारियों के पासवर्ड का गलत प्रयोग कर सरकार को चूना लगाने वाले कर्मचारियों में इंस्पेक्टर रोहित कुमार मुरादाबाद के रहने वाले हैं। लिपिक सौरभ सिंह बिजनौर और लिपिक अभयकांत बिहार का रहने वाला है। आयकर विभाग में हुआ गड़बड़झाला सामने आने के बाद संयुक्त आयकर आयुक्त मयंक कुमार ने हेड क्वार्टर कानपुर को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। इसके बाद तीनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। ये तीनों फरवरी माह से ही सस्पेंड चल रहे हैं।