चंडीगढ़. अपनी मांगों को मनवाने के लिए लोग किस हद तक चले जाते हैं इसकी बानगी पंजाब में देखी जा सकती है. पंजाब के शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में नौकरी देने की मांग को लेकर अनूठा कदम उठाया हुआ है. यह कदम जान को जोखिम में डालकर सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी को अपना वादा जल्द से जल्द पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है. दरअसल, बुधवार को दो शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों ने राज्य के सोहाना में सिंह शहीदन गुरुद्वारे के पास एक पानी की टंकी पर चढ़कर आप सरकार से अपने चुनावी वादे को पूरा करने की मांग की.
दोनों शिक्षिकाओं की ओर से इस संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया गया है. एचटी के मुताबिक इस वीडियो के जरिए उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार से सरकारी नौकरी देने के चुनावी वादे को पूरा करने की मांग की है. शिक्षिकाएं सिप्पी शर्मा और वीरपाल कौर बुधवार आधी रात के बाद अपनी जान जोखिम में डालकर पानी की टंकी पर चढ़ गईं जबकि उसकी सीढ़ियां तक टूट गई थीं.
बताते चलें कि इन दोनों शिक्षिकाओं की ओर से 2021 में अपनी मांगों को लेकर पूरे पंजाब में पानी की टंकियों पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया गया था. वो मांग कर रही हैं कि उन्हें भी 646 अन्य शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों के साथ सरकारी स्कूलों में नौकरी दी जाए. शर्मा ने कहा कि अपनी मांग को लेकर पिछली बार भी हम टंकियों पर चढ़े थे. उस समय मौजूदा कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर सहित आप नेताओं ने सरकारी स्कूलों में नौकरी का वादा करके नीचे उतरने के लिए मना लिया था. लेकिन नई सरकार ने सत्ता में आने के बाद भी अपने वादे को पूरा नहीं किया है.
अपनी मांगों को लेकर सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में शिक्षिकाओं ने कहा कि हमने करीब-करीब सभी प्रमुख त्योहार पानी की टंकियों पर बिताए हैं. अब उम्मीद करते हैं कि जल्द ही उनको सरकारी नौकरी मिल जाएंगी.
उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप सरकार 646 पीटीआई शिक्षकों को नौकरी देने के अपने वादे से मुकर गई है. इसको लेकर पीटीआई संघ के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की है. उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में आने से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था और शर्मा को अपनी बहन भी कहा था. उन पर हमने भरोसा कर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में भी मदद की थी.