शामली। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने पावर कारपोरेशन पश्चिमांचल के अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम किसान के नलकूप का कनेक्शन न करने के मामले में दोषी मानते हुए आर्थिक क्षतिपूर्ति 90 हजार रुपये एक माह में फोरम में जमा करने के निर्देश दिए हैं। अनैतिक व्यापार व्यवहार करने के मामले में फोरम ने 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए विवादित 2,23,334 रुपये बिजली बिल की धनराशि नोटिस निरस्त कर दिया है। एक माह में नलकूप की विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए।
आयोग के चेयरमैन हेमंत कुमार गुप्ता के यहां कैराना तहसील के गागौर गांव निवासी संजय कुमार ने एक वाद दायर करते हुए अवगत कराया कि पांच हॉर्स पावर का विद्युत कनेक्शन पावर कारपोरेशन पश्चिमांचल के विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता कार्यालय से लिया था। किसान के नलकूप पर आ रही विद्युत लाइन के तीन खंभों के तार चोरों ने काट लिए थे। 14 फरवरी 2012 को विद्युत खंभों के तार चोरी और फसलों के सूखने की सूचना विभाग के प्रथम खंड को दी। जिस पर विद्युत विभाग के अफसरों ने लाइन चालू नहीं की। 29 जून 2012 को अधिवक्ता के माध्यम से किसान की ओर विद्युत खंड प्रथम कार्यालय को नोटिस भिजवाया गया। नोटिस के बाद भी किसान की विद्युत लाइन चालू नहीं की गई। जबकि वह बिजली का बिल 500 रुपये मासिक से लगातार जमा करता रहा।
किसान ने आयोग को अवगत कराया कि विद्युत विभाग का वह डिफाल्टर नहीं है। विद्युत लाइन चालू न करने से उसे 70 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। विद्युत लाइन चालू न होने से विद्युत बिल 500 रुपये प्रतिमाह जमा करता रहा है, जिससे 20 हजार रुपये की क्षति हुई है। आयोग ने सुनवाई पूरी होने पर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम को आदेश दिए हैं कि किसान के नलकूप पर विद्युत लाइन आपूर्ति आदेश के एक माह के अंदर करें। विद्युत विवादित बिल 2,23,334 रुपये की धनराशि का नोटिस निरस्त करते हुए किसान के नलकूप पर विद्युत कनेक्शन न करने के कारण 90 हजार का जुर्माना लगाया, साथ ही अनैतिक व्यापार व्यवहार के लिए 25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया। धनराशि एक माह के अंदर आयोग में जमा करने के निर्देश दिए।