
शामली। अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने वर्ष 2016 के गोवंश हत्या और पशु क्रूरता अधिनियम के मामले में पांच अभियुक्तों पर दोष सिद्ध किया है। दोषियों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतेंद्र धीरयान ने बताया कि 22 जनवरी 2016 को कैराना कोतवाली पुलिस टीम कैराना बाईपास पर चेकिंग कर रही थी। उस दौरान पुलिस ने एक ट्रक के अंदर लाए जा रहे जिंदा बैल, 15 जिंदा गोवंशीय बछड़े और तीन बछड़े मृत अवस्था में बरामद किए थे। मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि उन दो साथी फरार हो गए थे, जिनकी बाद में गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने ट्रक को पुलिस टीम के ऊपर चढ़ाने का प्रयास किया। यह मामला गोवध अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम और हत्या के प्रयास में दर्ज किया गया था। मामले में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत कर दी थी। मामले की सुनवाई कैराना स्थित अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार के यहां हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल छह गवाह पेश किए गए थे। अधिवक्ताओं के मुताबिक, शनिवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने तथा पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात गोवध अधिनियम व पशु क्रूरता अधिनियम में साजिद, ताबिश, जावेद, शुऐब निवासीगण मोहल्ला अफगानान व कामिल निवासी मोहल्ला पोसखाना अफगानान कैराना पर दोष सिद्ध किया। गोवध अधिनियम में पांचों दोषियों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जबकि पशु क्रूरता अधिनियम में 50-50 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। वहीं, कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामलों में पांचों को दोषमुक्त करार दिया है।
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