26 मई 2014 ही वो ऐतिहासिक दिन था, जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपल ली थी। यानी मोदी सरकार को बने 9 साल पूरे हो चुके हैं। इन 9 सालों में पीएम मोदी ने जनहित में कई योजनाएं चलाई, साथ ही हिंदुओं का दिल जीतने में भी कोई कसर बाकी नहीं रखी। इसके लिए इन्होंने देश के प्राचीन और एतिहासिक मंदिरों का न सिर्फ जीर्णोद्धार करवाया बल्कि उन्हें विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई। आज हम आपको इन्हीं मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…

काशी स्थित भगवान विश्वनाथ का मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पहले जहां ये मंदिर मात्र 3 हजार वर्ग फूट तक सीमित था, मोदी सरकार ने विस्तार कर इसे 5 लाख वर्ग फुट में बदल दिया। अब इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को काशी कॉरिडोर नाम दिया। इस योजना पर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

भगवान शिव के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है वैद्यनाथ धाम। ये मंदिर झारखंड के देवघर में स्थित है। पहले यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को सड़क या रेल मार्ग से ही यात्रा करनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जुलाई 2022 को यहां देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया, जिससे भक्तों की पहुंच और सुलभ हो गई। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी मात्र 20 मिनिट है। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो वैद्यनाथ धाम पहुंचें थे।

मोदी सरकार द्वारा ‘हनुमानजी चार धाम’ परियोजना के तहत देश भर में हनुमानजी की 4 विशाल प्रतिमाएं बनवाई जा रही हैं। इसके अंतर्गत पहली प्रतिमा का निर्माण हिमाचल प्रदेश की जाखू पहाड़ी पर किया गया वहीं अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में 108 फीट ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा का अनावरण किया। शेष 2 प्रतिमाओं का निर्माण तमिलनाडु के रामेश्वर में और पश्चिम बंगाल में किया जा रहा है।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ उत्तरखंड में स्थित है। साल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद मंदिर का स्वरूप काफी हद तक बिगड़ चुका था। मोदी सरकार ने इस मंदिर को नया स्वरूप देने का बीड़ा उठाया और लगातार विकास कार्य किए। केदारनाथ के विकास के लिए पहले चरण में 225 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। यहां आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनवारण भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है।

12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरे स्थान पर आने वाले महाकालेश्वर मंदिर का कायाकल्प भी मोदी राज में ही हुआ। ये मंदिर मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाले उज्जैन में स्थित है। इस योजना के अंतर्गत महाकाल मंदिर का विस्तार किया गया और महाकाल लोक का निर्माण भी किया गया। इस योजना को पूरे करने में लगभग 793 करोड़ का खर्च आया है। महाकाल लोक में 52 म्यूरल (भित्ती, चित्र), 80 स्कल्प्चर और 200 मूर्तियां हैं, जो भगवान शिव की कहानी बताती हैं।

उत्तराखंड स्थित चार धाम जिनमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगौत्री और यमुनौत्री शामिल हैं, की यात्रा पहले काफी कठिन हुआ करती थी। मोदी सरकार ने इसके लिए चार धाम परियोजना पर काम करना शुरू किया और पहाडों को चीरकर सुगम रास्ते बनाए, जिससे अब उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा करना काफी सुविधाजनक हो चुका है। इस परियोजना पर अभी भी काम जारी है।

अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर बनाने का सपना भी मोदी राज में ही पूरा हो पाया है। नवंबर 2019 में जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम मंदिर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में दिया, वैसे ही मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी और इसके बाद तेजी से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। साल 2024 तक राम मंदिर के पूर्ण होने की अनुमान लगाया जा रहा है।

मोदी राज में ही हिंदू संतों और विद्ववानों की विशाल प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू हुआ। इसके अंतर्गत हैदराबाद के निकट श्रीराम नगर में संत रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा बनवाई गई, जिसे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का नाम दिया गया।। फरवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 1400 करोड़ रुपए खर्च हुए।