मुजफ्फरनगर। जनपद के ककरौली थाना क्षेत्र में बिना अनुमति के हो रहा रामलीला का आयोजन प्रशासन ने रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक हुई। इस मामले में कमेटी के पदाधिकारियो ने जिले के प्रभारी मंत्री तथा डीएम-एसएसपी तक यह मामला पहुंचाया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक गांव ककरौली में बिना अनुमति के रामलीला के आयोजन को लेकर पुलिस प्रशासन व रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

सीओ भोपा ने रामलीला का स्थान बदलने को कहा, लेकिन रामलीला कमेटी के पदाधिकारी उसी स्थान पर रामलीला के आयोजन को लेकर अड़े रहे। तब थाना भोपा व थाना ककरौली पुलिस बल बुलाया गया। एसडीएम जानसठ ने पहुंचकर रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों से घंटों बातचीत की और उन्हें शांत किया। उन्होंने जिलाधिकारी को मामले की जानकारी दी।

उधर, शाम के समय रामलीला कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के संचालक पूर्व प्रधान प्रकाशवीर प्रधान, सतीश चेयरमैन, डॉ. लोकेश कुमार, राघवेंद्र राजपूत, देवेंद्र चौधरी, इंद्रेश चौधरी, नरेंद्र, आनंद कुमार, अनुज, सतीश, राजकुमार चौधरी, आमोद, धर्मेंद्र, विपुल चौधरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य बबलू, अरुण शर्मा, आमोद आदि ने भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी के साथ जिला के प्रभारी मंत्री सोमेंद्र तोमर, जिलाधिकारी व एसएसपी से मुलाकात कर रामलीला की अनुमति दिलाने की मांग की।

प्रभारी मंत्री ने रात में लखनऊ बात कर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। उधर, कमेटी सदस्य संजीव काकरान ने बताया कि वर्ष 2006 में इस जगह पर कलाकारों ने रामलीला की थी। पिछले दो वर्षों से पर्दे पर रामायण चल रही थी। इस वर्ष कलाकार रामलीला करना चाहते हैं।

रामलीला के आयोजन को सर्व समाज की सहमति है। मुस्लिम समुदाय के नियाज मेहंदी का कहना है कि रामलीला के आयोजन में मुस्लिम समाज को कोई आपत्ति नहीं है। धार्मिक कार्य के लिए सभी का सहयोग है। मौके पर पुलिस बल तैनात है। सीओ भोपा देवव्रत बाजपेयी का कहना है कि अनुमति के बाद ही रामलीला का मंचन हो सकेगा।