नई दिल्ली/मुजफ्फरनगर। पंजाब के किसान नेताओं ने जहां मंत्री स्तरीय बैठक को बेनतीजा करार दिया वहीं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों के साथ हुई वार्ता को सकारात्मक बताते हुए नतीजा निकलने की उम्मीद जताई।
विज्ञान भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई बैठक से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें शाम सात बजे बैठक का समय दिया गया था। शाम सात बजे शुरू हुई बैठक रात साढ़े आठ बजे तक चली। इस डेढ़ घंटे की बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने तीनों कृषि कानूनों के अच्छे और बुरे पक्षों को गिनाया।
टिकैत ने कहा कि सरकार को दो टूक बोला गया कि जब तक एमएसपी की गारंटी देते हुए एमएसपी से कम खरीद पर सजा का प्रावधान नहीं होगा तब तक किसान इन कृषि कानूनों को स्वीकार नहीं करेंगे। कृषि मंत्री ने एमएसपी के खत्म नहीं करने और मंडियों का अस्तित्व भी रहने का आश्वासन दिया। लेकिन किसानों ने इसके लिए मौखिक नहीं बिलों में प्रावधान करने की मांग की। कहा कि किसान इससे कम पर सहमत नहीं होंगे। उन्होंने गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने और बकाया भुगतान कराने की भी मांग उठाई। सरकार ने किसानों की बाते सुनकर सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही रास्ता निकल जाएगा। मेरठ के भाकियू संगठन पदाधिकारियों के अलावा काफी किसान भी गाजीपुर सीमा पर बसे अस्थायी तंबू नगर में जमे हुए हैं। संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि जब तक किसानों की मांगे सरकार मान नहीं लेती तब तक किसान यहां से घर वापस नहीं जाएंगे।