अम्बाला: अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर तंदवाल, केसरी, दुखेड़ी जैसे रेलवे स्टेशनों पर पिछले दो सालों से बंद पड़ी लोकल ट्रेनों की सुविधा को शुरू करवाने के लिए ग्रामीण व दैनिक यात्री प्रयास कर रहे है। इस संबंध में ग्रामीण कई बार रेलवे अधिकारियों, मंत्रियों और सांसदों को पत्र लिखकर गुहार लगा चुके है। ट्रेन बंद होने से नाराज क्षेत्र की 10 गांवों की पंचायतों ने 6 मार्च को रेल रोको आंदोलन बुलाया था।
इस पर दो मार्च को सांसद रतन लाल कटारिया व नायब सैनी ने 10 मार्च से ट्रेन चलने के आश्वासन दिया था। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने 10 मार्च से ट्रेनों के चलने की ऐसी किसी सूचना होने से साफ इंकार कर दिया। इससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने पहले ही रेलवे को चेतावनी दे रखी है कि अगर 10 मार्च से ट्रेनें नहीं चलती तो वह 13 मार्च को रेल रोको आंदोलन में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
गांव तंदवाल निवासी कमल चौहान ने बताया कि दो मार्च को ग्रामीणों ने ट्रेनों को चलवाने के लिए सांसद रतन लाल कटारिया व नायब सैनी से मुलाकात की थी। जिस पर उन्होंने ग्रामीणों की मांग को रेल मंत्रालय तक पहुंचाया और आश्वासन दिया कि 10 मार्च तक सभी पैसेंजर ट्रेनें चल जाएंगी।
इस पर ग्रामीणों ने 6 मार्च को बुलाए रेल रोको अभियान को स्थगित कर दिया था। रेलवे अंबाला मंडल के डीआरएम गुरविंद्र मोहन सिंह ने कहा कि रेलवे किस्तों में गाड़ियां निकाल रही है। कैलेंडर के हिसाब से कुछ गाड़ियां अप्रैल में निकलनी है। कुछ स्टेशनों को छोड़कर अन्य स्टेशनों पर ट्रेनें चल रही है। रेलवे के निर्धारित कैलेंडर के अनुसार ही ट्रेनें चलेंगी।