शामली, कैराना। तीन दिन पहले एससी एसटी के मुकदमें में न्यायिक हिरासत में जेल गये शामली नगर
पालिका के पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल को कोर्ट से राहत मिल गई। कोर्ट ने अरविंद संगल को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। मुकदमे की वादी शामली नगर पालिका की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुई।
2015 में शामली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल पर अधिशासी अधिकार अमिता वरूण ने गंभीर आरोप लगाए थे। 2016 में पूर्व चेयरमैन के विरुद्ध शामली कोतवाली में एससी-एसटी व घर में घुसकर छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचना के दौरान छेड़छाड़ की घटना नहीं पाए जाने पर पुलिस ने मुकदमे से छेड़छाड़ की धारा को हटा दिया था। एक सप्ताह पूर्व पूर्व चेयरमैन के विरुद्ध अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद बुधवार को अरविंद संगल अपर जिला सत्र न्यायालय (रेप एंड पॉक्सो) रेशमा चौधरी की अदालत में पेश हुए थे।
अरविंद संगल के अधिवक्ता ब्रह्म पाल सिंह चौहान द्वारा दाखिल की गई जमानत याचिका पर कोई फैसला नहीं होने पर कोर्ट ने पूर्व चेयरमैन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। कोर्ट ने मुकदमे की वादी अमिता वरुण को शुक्त्रस्वार को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस भी जारी किया था। वहीं शुक्त्रस्वार को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने अरविंद संगल को जमानत दे दी। इसके अलावा मुकदमे की वादी अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण भी कोर्ट में पेश नहीं हुई। अधिवक्ता ब्रह्म पाल सिंह चौहान ने बताया कि अदालत ने 25-25 हजार के दो जमानतियों की जमानत पर पूर्व चेयरमैन को रिहा करने के आदेश जारी किए है। जमानत का परवाना मुजफ्फरनगर जेल भेज दिया गया है।