प्रयागराज. प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर अतीक अहमद और अन्य दो को साल 2006 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, कोर्ट ने अतीक के भाई अशरफ अहमद समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया. इसके बाद अशरफ को प्रयागराज की नैनी जेल से वापस बरेली जेल भेज दिया गया है, लेकिन यहां पहुंचने के बाद उसे एक बड़ा डर सताने लगा है. बता दें कि उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाने के लिए अशरफ को बरेली से प्रयागराज के नैनी जेल शिफ्ट किया गया था.
प्रयागराज कोर्ट से अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद को सुरक्षित बरेली जिला जेल लाया गया है और जेल के अंदर उसे भारी सुरक्षा के बीच रखा गया है. हालांकि, बरेली जेल पहुंचने के बाद अशरफ को एनकाउंटर का डर सताने लगा है और उसका कहना है कि कभी भी उसकी जान जा सकती है.
अशरफ का आरोप है कि पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने उसे जान से मारने की धमकी दी है. उसका कहना है कि उसे किसी ना किसी बहाने से जेल से निकालने के बाद उसका एनकाउंटर कर दिया जाएगा. अशरफ को डर है कि एनकाउंटर के नाम पर उसकी हत्या कभी भी की जा सकती है. इसके साथ ही उसने आरोप लगाया कि प्रयागराज से बरेली लाने के दौरान उसे खाना नहीं दिया गया और उसने पानी पीकर अपने रोजा तोड़ा.
अपने ऊपर लगे आरोपों पर अशरफ का कहना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर भी बड़े आरोप दर्ज हुए है. इनपर झूठे भी मुकदमे वह उसका दर्द समझते होंगे. अशरफ का कहना उमेश का जब अपहरण हुआ, तब भी वह जेल में था और उसकी हत्या हुई तब भी वह जेल में था.