प्रयागराज. राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल अपहरणकांड में एमपीएमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक, दिनेश पासी व अधिवक्ता खान शौलत हनीफ को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों पर 9300 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही एक-एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है। यह क्षतिपूर्ति पीडि़त परिवार को दी जाएगी। सबूत के अभाव में अदालत ने अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया।
अतीक के खिलाफ 101 मामले दर्ज हैं। उसके 44 साल के अब तक के आपराधिक इतिहास में वह किसी अन्य मामले में दोषी साबित नहीं हुआ था। पहली बार किसी मामले में उसे सजा सुनाई गई है। उसके साथ खान शौलत हनीफ और दिनेश पासी भी पहली बार दोषी ठहराए गए हैं। इन दोनों के खिलाफ भी कई अन्य मामले दर्ज हैं।
कोर्ट में फैसले के दौरान अतीक अहमद और अशरफ पहुंचे तो दोनों फूट-फूट कर रोए। दोनों अपने जिले में सात साल बाद मिले थे। इसके पहले उनकी मुलाकात लखनऊ में हुई थी लेकिन शुआट्स मामले के जबसे जेल गए तो यहां उनकी यह पहली मुलाकात थी। उनकी इस मुलाकात से कोर्ट रूम थोड़ी देर के लिए बिल्कुल शांत भी हो गया।
कोर्ट ने दोपहर एक बजे सात अभियुक्तों को बरी करते हुए तीन को दोषी करार दिया। इसके बाद सजा सुनाने के लिए पत्रावली पेश करने का आदेश पारित किया। दोपहर दो बजे के करीब कोर्ट ने अतीक, दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा सुनने के बाद जब जेल जाने की बारी आई तो दोनों भाई रोने लगे। बाद में वे गले मिले और कहा अल्लाह ने चाहा तो फिर मुलाकात होगी।
एमपीएमएलए कोर्ट में मंगलवार को माफिया अतीक अहमद अपने भाई अशरफ से सात सात बाद मिला। कोर्ट में पेशी के दौरान कठघरे में दोनों भाइयों को घंटे भर का साथ मिला। इस दौरान कई बार आंखें भी नम हुई और दिल भी तड़पा। माफिया अतीक ने भीगी पलकों से भाई के कानों में कई बार दिल की बातें भी कीं। समझा जा रहा है कि वह घर से लेकर मौजूदा हालात पर अशरफ से बातें करता रहा। इस दौरान सजा सुनाए जाने के बाद अतीक अपने भाई अशरफ से गले लगकर रोता नजर आया।
एमपी एमएलए कोर्ट के बाहर अतीक, शौलत हनीफ और दिनेश पासी को सजा सुनाई गई तो बाहर जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगने लगे। रह रहकर अतीक अहमद मुर्दाबाद के भी नारे लग रहे थे।
उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट की तरफ से माफिया अतीक अहमद को दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाने के मामले में चायल से विधायक पूजा पाल ने अधूरा बताया। अशरफ को दोषमुक्त किया जाना न्याय हित में नहीं है।
माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ में कोई अंतर नहीं है। दोनों ही अपराधी हैं और मिलकर कई अपराधों को अंजाम दिया है। इनके आतंक से एक दशक तक आम जनता परेशान हुई है। इन दोनों भाईयों ने लोगों के जीवन में अंधकार डालने का कार्य किया है। विधायक पूजा पाल ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले के बाद अतीक के शूटरों का मनोबल बढ़ेगा और वह दूसरी वारदात को अंजाम देंगे।
उनको लगेगा कि बड़े भाई को सजा मिली है, लेकिन छोटा भाई अशरफ दोषमुक्त करार दिया गया है। मेरे पति राजू पाल के मामले फिलहाल ट्रायल चल रहा है, इन लोगों से लगातार खतरा बना हुआ है। मेरे पति राजू पाल की हत्या में सुनवाई चल रही है। ऐसे में हत्याकांड के गवाहों के मन में डर बढ़ेगा। ऐसे में जरूरी है कि हत्याकांड के गवाहों की सुरक्षा बढ़ाई जाएं।
हालांकि, उन्होंने अतीक अहमद को सजा मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले से पीड़ित पक्ष को जरूर राहत मिली है। इससे लोगों में इस बात का भरोसा बढ़ गया कि कोई भी अपराधी कानून के दायरे से बचे नहीं सकता है। अपराधियों को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी।