देश की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा हेल्थ इंश्योरेंस नहीं खरीद सकता. गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोग बीमा की किस्त भरने में सक्षम नहीं है. ऐसे लोगों को भी अच्छे अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना चलाई है. जो लोग इस स्कीम का लाभ लेने के लिए पात्र हैं, उनको सरकार आयुष्मान कार्ड जारी करती है. आयुष्मान योजना में देशभर में बड़ी संख्या में अस्पताल रजिस्टर्ड हैं. आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में आयुष्मान कार्डधारक अपना इलाज करा सकता है. लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि पैनल में शामिल अस्पताल भी इलाज करने से इंकार कर देता है.
अब सवाल यह उठता है कि क्या आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल अस्पताल आयुष्मान कार्डधारक का इलाज करने से इंकार कर सकता है? और अगर कोई अस्पताल इलाज से इंकार करे तो क्या कहीं शिकायत भी कराई जा सकती है. पहले तो आप यह जान लें कि कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर, पैनल में शामिल अस्पताल में अगर आयुष्मान कार्डधारक की बीमारी का इलाज उपलब्ध है तो अस्पताल ट्रिटमेंट करने से इंकार नहीं कर सकता. अगर अस्पताल मरीज का इलाज करने से मना कर देता है तो इसकी शिकायत सरकार से की जा सकती है. सरकार अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करती है.
आयुष्मान कार्ड के जरिए लिस्टेड अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है. अगर अस्पताल मुफ्त में इलाज देने से मना कर रहा है तो आप टोल फ्री नंबर और पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 14555 आयुष्मान भारत योजना का राष्ट्रीय स्तर का एक टोल फ्री नंबर है, जिस पर देश के किसी भी कोने में रहने वाला नागरिक शिकायत कर सकता है. यहां आप हिन्दी व अंग्रेजी के अलावा देश की अन्य भाषाओं में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
अलग-अलग राज्यों के लिए भी टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में रहने वाले 180018004444 नंबर पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए टोल फ्री नंबर 18002332085 है. इसी तरह बिहार में रहने वाली आयुष्मान योजना से संबंधित शिकायत 104 पर और उत्तराखंड के नागरिक 155368 और18001805368 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.