नई दिल्ली. युवा बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ की इस समय खूब बात हो रही है. वे लिस्ट-ए क्रिकेट में एक ओवर में 7 छक्के लगाने वाले भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं. 28 नवंबर को उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में उप्र के बाएं हाथ के स्पिनर शिवा सिंह के ओवर में यह कारनामा किया था. शिवा ने ओवर में एक नोबॉल डाली थी. इस कारण ऋतुराज को 7 गेंद खेलने का मौका मिल गया. आज से लगभग 32 साल पहले फरवरी 1990 में एक ओवर में 77 रन बने थे. 8वें नंबर पर उतरे बल्लेबाज ने ओवर में 8 छक्के और 5 चौके सहित 13 बाउंड्री लगाई. यानी इस बल्लेबाज ने ऋतुराज से भी बड़ा कारनामा किया. आखिर वह खिलाड़ी कौन है, आइए आपको इस बारे में बताते हैं.
न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट वेलिंगटन शेल ट्रॉफी में यह देखने को मिला था. वेलिंगटन के खिलाफ कैंटबरी को 2 ओवर में जीत के लिए 95 रन बनाने थे और उसके 8 विकेट गिर गए थे. ऐसे में किसी को बल्लेबाजी टीम से जीत की उम्मीद नहीं थी. अब ऑफ स्पिनर बर्ट वेंस गेंदबाजी करने आए. पहली गेंद नोबॉल थी. ऐसे में एक रन मिले. दूसरी गेंद पर बल्लेबाज ली जर्मन ने चौका लगाया. अगली 15 गेंद वेंस ने नोबॉल डाली. अगली 2 गेंद पर रन नहीं बने. वेंस ने फिर नोबॉल डाली और जर्मन ने चौका जड़ा. अंतिम 2 गेंद पर एक रन बना.
ली जर्मन ने ओवर में 8 छक्के और 5 चौके लगाए. वहीं एक चौका दूसरे बल्लेबाज फॉर्ड ने जड़ा. इस तरह से ओवर में कुल 14 बाउंड्री लगीं. इस बीच अंपायर गेंद गिनना ही भूल गए और 5 ही गेंद पर ओवर दे दिया. ओवर में गेंदबाज ने 17 नाेबॉल सहित कुल 22 गेंद डाली थी. अब टीम को अंतिम ओवर में जीत के लिए 18 रन बनाने थे. पहली 5 गेंद पर 17 रन बन गए थे, लेकिन स्कोरबोर्ड सही नहीं होने के कारण ली जर्मन को इसका अंदाजा नहीं था. ऐसे में उन्होंने अंतिम गेंद को रोक ली और मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ.
1990 में नोबॉल को लेकर नियम आज से अलग थे. उस समय यदि नोबॉल पर चौके और छक्के पड़ते थे, तो सिर्फ बाउंड्री के रन मिलते थे. नोबॉल के रन नहीं मिलते थे. सिर्फ जिस नोबॉल गेंद पर बल्लेबाज रन नहीं बना पाते थे, उस पर एक अतिरिक्त रन मिलता था. गेंदबाज को हालांकि नोबॉल पर अतिरिक्त गेंद जरूर डालनी पड़ती थी. बर्ट वेंस की 17 नोबॉल गेंद में से सिर्फ 2 पर रन नहीं बने. ऐसे में आज के नियम के अनुसार 15 रन ओवर में नहीं जुड़े. नहीं तो 77 की जगह 92 रन बन गए होते.