लखनऊ. कहीं आप नकली देशी घी तो नही खा रहे है वो भी हाइड्रोजेनेटेड तेल और घटिया क्वाल्टी के वनस्पति से मिला हुआ. ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने लखनऊ से 60 लाख का नकली देशी घी बरामद किया है. नकली घी खराब क्वालिटी के तेल जैसे वेजिटेबल तेल, पिघला हुआ बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल और आलू को मिलाकर बनाया जा रहा था. यह नकली घी पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था.
फूड सेफ्टी विभाग के सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि आलमबाग की बालाजी ट्रेडिंग कंपनी में छापेमारी की गई थी. जहां 10 क्विंटल से ज्यादा नकली घी जब्त कर किया गया. जिसकी कीमत 60 लाख 26 हजार रुपये है. 1905 लीटर पुराना देशी घी भी जब्त किया गया. उन्होंने बताया कि कृष्ण गोपाल अग्रवाल की फैक्ट्री से 11 ब्रांडेड कंपनियों के देशी घी भी बरामद किए गए हैं. अग्रवाल अपने ही घर के निचले हिस्से में स्थित कारखाने में यह गोरखधंधा चला रहे थे.
सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक नकली घी बना कर अलग अलग ब्रांड जैसे अमूल, माधव, संस्कार, पारस और मधुसूदन ब्रांड के एक किलो व आधा किलो पैकिंग में तैयार करते थे. फिर उन्हें बाजार में बेचने के लिए सप्लाई किया जाता था. इनके खुद के ब्रांड का नाम मारुति नंदन, गोमती नंदन और अवंतिका है.
सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि बालाजी ट्रेडिंग कंपनी बाजार से कई ब्रांडेड कंपनियों के एक्सपायरी देशी घी खरीदती थी. उसी घी को अपने कारखाने में नए सिरे से तैयार करने के बाद कंपनी का ब्रांड लगाकर बेच दिया जाता था. कंपनी का यह गोरखधंधा बीते 6 वर्षों से चल रहा था. इस नकली घी की सप्लाई पूरे प्रदेश में होती थी.