नई दिल्ली. बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को भी बड़ा झटका दिया है. उन्होंने वित्तवर्ष 2022-23 के लिए दी जाने वाली खाद सब्सिडी में करीब 35 हजार करोड़ रुपये की बड़ी कटौती की है. यह पिछले बजट से करीब 25 फीसदी कम है. वित्तमंत्री ने बजट में अगले वित्तवर्ष के लिए कुल 1,05,222 करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी देने का ऐलान किया है. यह चालू वित्तवर्ष के लिए बजट में दिए गए 1,40,122 करोड़ रुपये से करीब 35 हजार करोड़ कम है. हालांकि, 2021-22 के लिए पहले 79,530 करोड़ की ही खाद सब्सिडी दी गई थी, जिसे बाद में रिवाइज करके 60,692 करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया. सरकार ने 2020-21 में 1,27,922 करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी दी थी.
किसानों को सबसे ज्यादा निराशा यूरिया खाद पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर हुई है. वित्तमंत्री ने 2022-23 के लिए यूरिया पर 63,222.32 करोड़ की सब्सिडी का ऐलान किया है, जो पिछले बजट के रिवाइज एस्टीमेट से भी 17 फीसदी कम है. इसके बाद 42 हजार करोड़ रुपये NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश) फर्टिलाइजर पर सब्सिडी के रूप में दिए हैं, जो चालू वित्तवर्ष के आवंटन से 35 फीसदी कम है.
मोदी सरकार ने खाद सब्सिडी ऐसे समय में घटाई है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आपूर्ति लगातार बाधित हो रही, जो आने वाले समय में किसानों का संकट बढ़ा सकते हैं. हालांकि, सरकार यह दावा कर रही कि बाजार में फर्टिलाइजर्स की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकार के फर्टिलाइजर विभाग ने अक्टूबर, 2021 में खाद उत्पादों के बड़े संकट की तरफ इशारा किया था.
खाद उत्पादों की कमी को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में किसान आवाज उठा चुके हैं. पिछले साल अक्टूबर में यूपी के महोबा में किसानों ने फर्टिलाइजर की कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके अलावा बुंदेलखंड क्षेत्र में 5 किसानों के खाद की कमी के कारण आत्महत्या करने का मामला सामने आया था. बाजार विश्लेषक अनुमान जता रहे है कि यूपी के चुनावों में भी खाद सब्सिडी एक मुद्दा बन सकता है.