नई दिल्ली: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में पंजाब सरकार को एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से बड़ा झटका लगा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठोस और तरल कचरे का उचित प्रबंधन नहीं करने के लिए पंजाब सरकार पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है.
एनजीटी ने पंजाब राज्य को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश जारी किया.
बता दें कि बीते सप्ताह एनजीटी ने राजस्थान सरकार को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदूषण में योगदान और अपने संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम रहने के लिए राज्य के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया था. पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेली भी शामिल थे.
बता दें कि इससे पहले एनजीटी यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतापगढ़, रायबरेली और जौनपुर जिलों में तरल कचरे के अपर्याप्त प्रबंधन के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार जैव उपचार से प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई है। पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे.