शामली। जिले के लोगों के लिए बडी खुशखबरी है। प्रदेश के सबसे छोटे जिलों में शुमार शामली जनपद ने बडी उपलब्धि हासिल करते हुए पूरे प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया। इस दौड में शामली ने राजधानी लखनऊ ओर सहारनपुर जैसे जिलों को भी पीछे छोड दिया।

गैर संचारी रोग नियंत्रण व स्क्रीनिंग अभियान में सहारनपुर व लखनऊ जैसे बड़े जनपदों को पछाड़ते हुए शामली जनपद ने प्रदेश के टॉप-10 में जगह बनाते हुए आठवां स्थान प्राप्त किया है।

गैर संचारी रोग में कैंसर, मानसिक रोग, शुगर, बीपी, हार्ट आदि की समय से स्क्रीनिंग करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है और इसके लिए टीमों का गठन गांव-गाव भेजकर 13 फीसदी स्क्रीनिंग की गई है। इसमें मेरठ ने पहला, बागपत ने पांचवां व बुलंदशहर ने छठा स्थान प्राप्त किया है।

जनपद में लगातार गैर संचारी रोग नियंत्रण व स्क्रीनिंग अभियान को काफी तेजी से चला रहा है और आज इसी का नतीजा है कि शामली टॉप-10 की सूची में शामिल हो गया है। यहां स्क्रीनिंग करने के लिए 15 से अधिक टीम लगाई गई है और यह टीम गांव-गांव जाकर मरीजों की स्क्रीनिंग करती है। इतना ही नहीं मानसिक रोगियों का उपचार करने के लिए जिला अस्पताल में मानसिक कक्ष स्थापित कर वहां स्टाफ की तैनाती की गई है।

अभियान के दौरान टीम ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर, मानसिक हालत, हार्ट आदि की जांच कर रिपोर्ट तैयार करते हैं। इतना ही नहीं, जांच के लिए जनपद में करीब 169 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर खोले गए हैं और इनमें से लगभग 80 सेंटरों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर सीएचओ के द्वारा जांच कर दवाई वितरित की जाती है। मरीज को उसकी सेहत के अनुसार तीन श्रेणी रिस्क जोन, डेंजर जोन और सामान्य फॉलोअप अप्रैल से सितंबर तक के जारी आंकड़ों के आधार शामली प्रदेश की रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचने में सफलता हासिल की है।

यह सफलता मात्र छह माह के समय में मिली है और पिछली बार टॉप-10 में शामली शामिल नहीं हो सका था। वेस्ट यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गाजियाबाद, नोएडा आदि जनपद अपना स्थान पक्का नहीं कर सकें। वहीं 10 फिसड्डी जिलों की सूची में पूर्वाचल के नौ जिले शामिल हैं। यह जिले एक और दो फीसदी से ज्यादा स्क्रीनिंग नहीं कर सके है। इसके चलते निदेशक ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सुधार करने के आदेश दिए हैं।

हृदय एवं रक्त की नलियों संबंधी रोग, डाइबिटीज (मधुमेह), कैंसर, सांस आदि परेशानियों से गैर संचारी रोग उत्पन्न हो सकता है। इस अभियान के तहत ग्रामीण हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों पर डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल, जांच निशुल्क की जाती है।

स्ट्रोक, दिल का दौरा, परिधीय धमनी रोग (पीएडी), कोरोनरी धमनी रोग, गहरी शिरा घनास्त्रत्ता, जन्मजात हृदय रोग आदि । अस्थमा, फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग (सीओपीडी), व्यावसायिक फेफड़े के रोग आदि । टाइप 1 मधुमेह, प्रकार 2 मधुमेह, स्तन कैंसर, कैंसर आदि रोगों की की श्रेणी में डाला जाता है। गर्भकालीन मधुमेह।