
मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बडी खुशखबरी है। मेरठ में उच्च न्यायालय के ई-सेवा केंद्र खुलने के बाद अब मुजफ्फरनगर तथा वेस्ट यूपी के अन्य जनपदों के लोगां की भी सस्ता ओर सुलभ न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
उच्च न्यायालयों से संबंधित वादों को ई-सेवा केंद्र पर ई-फाइलिंग करने का आदेश आ गया है। जल्द यह व्यवस्था प्रदेश के तमाम जिलों में शुरू होगी। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी जिलों के जिला जज को पत्र भेजकर ई-सेवा केंद्र के संबंध में पत्र भेजा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सबसे पहले यह व्यवस्था शुरू होने जा रही है। मुजफ्फरनगर जिला बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय के आदेश की सराहना की है। इस व्यवस्था से वादकारियों एवं वकीलों को प्रयागराज आने-जाने में हजारों किमी लंबा सफर करने से मुक्ति मिलेगी।
फिलहाल उच्च न्यायालय इलाहबाद एवं लखनऊ बेंच से संबंधित वादों की ई- फाइलिंग केंद्रों पर होगी। विदित है कि पश्चिमी उप्र में बेंच की मांग को लेकर शनिवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल करीब चार दशक से चल रही है।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जिंदल ने बताया मेरठ में ई-सेवा केंद्र सरकार का पायलट प्रोजेक्ट है। इसके लागू होने से सुलभ और सस्ता न्याय मिलेगा। यह पहली नवंबर से मेरठ में लागू होगा। उसके बाद हर जिले में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट से संबंधित वादों को ई- फाइल करने से सहूलियत मिलेगी और उन्हें आर्थिक लाभ होगा। मामूली कार्यों के लिए प्रयागराज जाने से मुक्ति मिलेगी।
ई-फाइलिंग के बाद वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था लागू होगी। जल्द ही जनपद में ई-सेवा केंद्र शुरू होने की आस है। जिला न्यायालय परिसर में ई-सेवा केंद्रों पर वादकारियों और वकीलों को ई फाइलिंग के दौरान फोटो पहचान के लिए ई-सेवा केंद्रों पर उपस्थित रहना होगा।
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