शिमला। केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर स्थिति साफ की गई थी. वित्त राज्य मंत्री भगवंत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से साफ इंकार कर दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन को लागू करने के लिए अपने स्तर पर नोटीफिकेशन जारी किया है. सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि एनपीएस के पैसे वापसी का किसी तरह का प्रावधान नहीं है.
केंद्र सरकार की तरफ से इंकार किये जाने के बावजूद हिमाचल सरकार ने एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात कही है. राज्य के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में सरकार पुरानी पेंशन योजना को सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू करने के वादे को पूरा करेगी. उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा ‘हमने वित्त सचिव से बात की है, हम जानते हैं कि हमें पैसे का इंतजाम कहां से करना है और हमें कहां निवेश करना है? पुरानी पेंशन पर काम शुरू कर दिया है और इसे कैबिनेट की पहली बैठक में पेश किया जाएगा.’
मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह जल्द ही किया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस के हिमाचल चुनाव जीतने के बाद खबर आई थी कि मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में अंतर्कलह चल रही है. हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खू ऐसी किसी भी खबर से इंकार किया है. उनका कहना है कि राज्य में के तीन से चार दावेदार होने के कारण मुख्यमंत्री पद को लेकर होड़ थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस का कोई भी विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होगा. उन्होंने कुछ कांग्रेस विधायकों के लामबंदी किये जाने की खबरों का भी खंडन किया. आपको बता दें हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 60 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है.
आपको बता दें हिमाचल प्रदेश के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा कर दी गई है. सरकारी कर्मचारियों की तरफ से 2004 में बंद हुई पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग की जा रही है. हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन को लागू करने से साफ इंकार कर दिया है.