शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बृहस्पतिवार को भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सत्तारूढ़ भाजपा दल को इस चुनाव में प्रदेश के शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में करारा झटका लगा है. हालांकि, पार्टी ने मंडी लोकसभा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है.
कांग्रेस ने 68 सदस्यीय विधानसभा में से 40 सीटें जीतकर हिमाचल प्रदेश को भाजपा से छीन लिया. राज्य में 12 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित हुए.
पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा कांग्रेस के लिए वरदान साबित हुआ जबकि सेब उत्पादकों के मुद्दों ने करीब 20 सीटों पर भाजपा की संभावनाओं पर पानी फेर दिया. राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि मतदाता बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से नाराज थे और सरकार के खिलाफ एक मजबूत सत्ता विरोधी लहर थी.
नाम न छापने की शर्त पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के एक प्रोफेसर ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर्मचारियों की प्रमुख मांग है. इसके अलावा, लोग वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की लोकप्रियता ने भाजपा को मंडी निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने में मदद की. पिछले साल मंडी लोकसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस को यहां झटका लगा है और वह 17 सीटों में से केवल पांच सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी है.