नई दिल्ली: एक 42 वर्षीय शख्स द्वारा वाहन कंपनी को फाइनेंस करने वाली कंपनी को धोखा देकर करोड़ो का घोटाला करने का मामला सामने आया है. बुधवार को दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा के एक शख्स ने मर्सिडीज खरीदारी में फाइनेंस करने वाली कंपनी के साथ 2.18 करोड़ की धोखेबाजी और इस घोटाले के तीन साल बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वित्त कंपनी की शिकायत के बाद गुड़गांव के रहने वाले प्रमोद सिंह के खिलाफ 2018 में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक प्रमोद ने शुरू में लग्जरी मर्सिडीज कार खरीदने के लिए फर्म से 27.5 लाख रुपये उधार लिए थे और इसके बाद शुरुआती किश्तों का भुगतान भी किया. फाइनेंसर का विश्वास जीत सके इसके लिए उसने चार और उधार लिए और इसके बाद भी वह अगले कुछ महीनों तक किश्तों का भुगतान करता रहा, लेकिन बाद में अचानक किश्तों का भुगतान बंद कर दिया.
पुलिस के कहा कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी प्रमोद के साथ थे. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि अभी भी फर्म को प्रमोद से 2,18,34,853 रुपये लेना बाकी है. प्रमोद पिछले तीन साल से लापता था. काफी दिनों तक सामने न आने के बाद उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.
पुलिस अधिकारी छाया शर्मा ने कहा कि लंबे समय तक उसकी तलाश और निगरानी के बाद उन्हें प्रमोद सिंह के गुड़गांव में होने की खबर मिली थी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रमोद ने तीन साल में अवैध और फर्जी तरीके पांच मर्सिडीज कारें खरीदी और उन सभी कारों को एक ही फर्म द्वारा फाइनेंस किया गया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत थी जिन्होंने गाड़ियों के रिकॉर्ड में बदलाव किए जिससे प्रमोद फर्जी तरीके से उन लग्जरी कारों को सेंकेंड हैंण्ड गाड़ियों के रूप में बेच सकता था. नियमों के अनुसार जब तक कोई व्यक्ति फाइनेंस की सभी किश्तों का भुगतान नहीं कर देता तब तक गाड़ी मालिक के पास ही वाहन रहता है.
पुलिस ने कहा कि सिंह गुड़गांव के काल सेंटर्स को सेवाएं देने के लिए लग्जरी कारे खरीद रहा था और अपना व्यवसाय चलाने की योजना बना रहा था लेकिन इस बीच कई काल सेंटर्स बंद हो गए जिससे उसको काफी नुकसान हुआ. वह अपने पैसों की वसूली के लिए उसने जाली दस्तावेजों बदलवा दिया. पुलिस ने बताया कि प्रमोद अब गिरफ्त में है और उससे पूछताछ चल रही है.