मेरठ. मेरठ के खैरनगर में अपने बच्चों के खून से हाथ रंगने वाली निशा बेग के और भी राज खुल सकते हैं। मेराब व कोनेन से पहले निशा ने तीन और बच्चों को जन्म दिया था। इनकी मौत का राज भी निशा के जेहन में छिपा है। पुलिस को आशंका है कि तंत्र-मंत्र में अंधी और असीम शक्तियां पाने के लिए निशा ने उक्त तीनों बच्चों की भी हत्या की होगी। इसके चलते एसपी सिटी ने जांच बैठा दी। पुलिस निशा को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
मेराब और कोनेन की हत्या का खुलासा होने के बाद देहलीगेट पुलिस ने मुख्य आरोपी पूर्व पार्षद सऊद फैजी और बच्चों की मां निशा बेग से शुक्रवार रात काफी पूछताछ की। इंस्पेक्टर देहलीगेट ऋषिपाल सिंह ने बताया है कि निशा का निकाह 2002 में खैरनगर निवासी शाहिद बेग से हुआ था। मेराब और कोनेन से पहले निशा-शाहिद के तीन बच्चे हुए थे, जिनकी मौत हो चुकी है। उनकी मौत कैसे और कब हुई, इसके बारे में शाहिद से पुलिस ने जानकारी ली।
पता चला कि सन 2003 में निशा ने बेटे, 2004 में बेटी और 2010 में बेटी को जन्म दिया था। तीनों बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। स्वाभाविक मौत बताकर परिजनों ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी। 2012 में निशा ने मेराब और 2016 में कोनेन को जन्म दिया। मेराब-कोनेन की हत्या के बाद पुलिस ने पूर्व में तीन बच्चों की मौत की भी जांच शुरू कर दी।
निशा शादी के पहले से ही तंत्र-मंत्र में अंधी थी और असीम शक्ति आने की बात कहती थी। पुलिस को आशंका है कि पूर्व में तीन बच्चों की मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि हत्या भी हो सकती है। एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि पूर्व में उक्त तीनों बच्चों की मौत कैसे हुई है। इसकी भी जांच होगी। पुलिस कारण स्पष्ट करने का प्रयास करेगी।
वहीं पुलिस इसको लेकर पति शाहिद बेग व परिवार के अन्य लोगों से भी जानकारी ले रही है। निशा के साथ जेल गई मुसर्रत और कोसर ने भी पुलिस को बताया कि तंत्र-मंत्र के डर से ही वह मेराब-कोनेन की हत्या में शामिल हुई थी।
पुलिस के मुताबिक, निशा के मोबाइल की सीडीआर निकाली गई। तीन महीने में निशा ने सऊद से 960 और साद से 400 बार फोन पर बात की। आरिफ सहित कई लोगों से भी लंबी बातचीत मिली है। पुलिस ने सऊद, आरिफ, साद सहित कई लोगों के मोबाइल की भी सीडीआर निकाली है। हत्यारोपी सऊद के करीबियों का भी पुलिस रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है।
छह साल की कोनेन की तलाश में शनिवार को भी गंगनहर में पीएसी के गोताखोरों और पुलिस का अभियान जारी रहा, लेकिन उसका शव नहीं मिला। पोस्टमार्टम होने के बाद मेराब का शव पुलिस की मौजूदगी सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हत्यारोपी मां निशा, उसके प्रेमी पूर्व पार्षद सऊद फैजी, पड़ोसी मुसर्रत, कोसर, साद व आरिफ को एसीजे जूनियर डिजिजन कोर्ट-5 में पेश किया, जहां से मजिस्ट्रेट तरुण कुमार ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की भी तैयारी शुरू हो गई। खैरनगर निवासी शाहिद बेग के बेटे मेराब और बेटी कोनेन बुधवार शाम लापता हुए थे। अपहरण और अनहोनी का अंदेशा जताकर शाहिद ने मुकदमा कराया था।
बृहस्पतिवार रात में पुलिस ने बच्चों की मां निशा बेग, उसके प्रेमी पूर्व पार्षद सऊद फैजी, पड़ोसी मुसर्रत, कोसर, साद और आरिफ को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की निशानदेही पर शुक्रवार को बच्चे का शव पूठखास स्थित गंगनहर से बरामद हुआ था, जबकि बच्ची के शव की तलाश में दो दिन से पुलिस ने गंगनहर में स्टीमर चलवाया। पीएसी के गोताखोर भी सर्च अभियान चल रहे है। शनिवार को आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेजा गया।
मेराब का शव पोस्टमार्टम के बाद ईदगाह स्थित हाजी साहब कब्रिस्तान में शाम छह बजे पहुंचा। जहां पर हत्यारोपी निशा का भाई दानिश भी अपने भांजे की मिट्टी में पहुंचा। उसको देखकर स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया। दानिश पर लोगों ने हमला कर दिया। गनीमत रही कि पुलिसकर्मियों ने उसको भीड़ से बचाकर वहां से भगा दिया।
शाम पांच बजे पोस्टमार्टम से मेराब का शव खैरनगर पहुंचा। इसकी जानकारी पर खैरनगर में भीड़ लग गई। हालात देखकर देहलीगेट अपराध निरीक्षक बीके त्रिपाठी, दरोगा अमित कुमार सहित 15 पुलिसकर्मी खैरनगर पहुंचे। पुलिस ने भीड़ को समझाया कि यह समय आरोपियों के प्रति गुस्सा करने का नहीं है। बच्चे के शव को दफनाना है। बच्ची की तलाश जारी है।
खैरनगर के लोगों ने शनिवार दिनभर निशा और सऊद को लेकर नाराजगी जताई। निशा का फोटो व्हाट्सएप की डीपी, फेसबुक की स्टोरी पर लगाकर भद्दे कमंट लिख रहे है। लोगों का कहना है कि दोनों को फांसी की सजा होनी चाहिए। सऊद और निशा से जुड़ी दोनों महिला सहित कई घरों में ताले लटके रहे।