शामली। जिला पंचायत और मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के सीमा विवाद में जिले के बिल्डर्स ओर कॉलोनी संचालक फंस गए हैं। प्राधिकरण और प्रशासन जहां कॉलोनी ध्वस्तीकरण की तैयारी कर रहा है, वहीं अवैध काॅलोनियों की सूची भी जारी की गई है। एमडीए के अधिकारी जिला पंचायत के अधिकारियों पर बिना उनकी अनुमति के कॉलोनी कटवाने, नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। उधर, कॉलोनी संचालक हाईकोर्ट पहुंच गए है।

मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने क्षेत्र की एक किमी की सीमा में सात से अधिक आवासीय काॅलोनी की सूची जारी की है, जिन्हें अवैध माना गया है। प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र में जिला पंचायत की ओर से मानचित्र स्वीकृत करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से शिकायत की गई थी। सीमा विवाद सुलझाने के लिए दो दिन पूर्व एडीएम संतोष कुमार की अध्यक्षता में प्राधिकरण के सचिव की मौजूदगी में बैठक हुई।

सीमा विवाद का निस्तारण करने के निर्देश एडीएम ने दिए थे। प्राधिकरण के सचिव आदित्य प्रजापति ने कहा कि प्राधिकरण के एक किमी सीमा क्षेत्र में जिला पंचायत शामली की ओर से डिफेंस गार्डन, कनक इन्कलेव, ड्रीम सिटी फेस एक, अर्पण काॅलोनी, अल्फा सिटी, खैवाल सिटी, हिमालय आदि काॅलोनियों के मानचित्र नियम विरुद्ध स्वीकृत कर दिए गए है। जल्द ही इन आवासीय काॅलोनियों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

टपराना बाईपास पर गोहरनी के पास डिफेंस काॅलोनी संचालक कुलदीप तोमर ने बताया कि जिला पंचायत की ओर से मानचित्र पास कराए जाने के बाद प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया। कोर्ट की ओर से प्राधिकरण की सीमा के संबंध जवाब-तलब किया गया है। प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया गया है। कहा कि कॉलोनी संचालकों ने जिला पंचायत से नक्शे पास कराकर ही कॉलोनी का निर्माण कराया है।

हिमालय काॅलोनी मे कार्यरत विजय मलिक का कहना है कि सीमा विवाद के मामले में प्राधिकर, जिला पंचायत आपस में सीमा विवाद हल निकाले।