नई दिल्ली। शरीर को चलाने के लिए सुबह-शाम भोजन करना हम सबकी एक नियमित दिनचर्या है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी भोजनशैली से हमारा भाग्य भी सीधे तौर पर जुड़ा होता है. भीष्म भोजन विधान के अनुसार हम कई बार अनजाने में भोजन से जुड़ी कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे मां लक्ष्मी रूठकर घर से चली जाती हैं. आज हम आपको भोजन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनका आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए वरना घर के बर्बाद होते देर नहीं लगती.
असल में यह भीष्म भोजन विधान पितामह भीष्म से जुड़ा हुआ है. जब भीष्म पितामह शरशैया पर लेटे हुए थे, तब पांडव उनसे ज्ञान हासिल करने के लिए गए थे. उस दौरान भीष्म ने उन्हें भोजन से जुड़ी ऐसी बातें बताईं, जिन्हें बाद में भीष्म भोजन विधान कहा गया है. आप सबको भी उन बातों का ज्ञान होना चाहिए. आइए जानते हैं कि वे बातें क्या हैं.
भीष्म पितामह कहते हैं कि भोजन की थाली को भूलकर भी नहीं लांघना चाहिए. अगर कोई जानबूझकर या अनजाने में उसे लांघ जाए तो उस थाली के भोजन को कीचड़ समझकर वहीं छोड़ देना चाहिए. ऐसा भोजन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है.
पति-पत्नी के एक ही थाली में भोजन करने की प्रवृति पर भी भीष्मने अहम बात कही है. भीष्म भोजन विधान के अनुसार पति-पत्नी में चाहे जितना भी प्रेम हो लेकिन उन्हें एक थाली में कभी भी साथ भोजन नहीं करना चाहिए. इससे परिवार के दूसरे लोगों के साथ मनमुटाव बढ़ता है. इस प्रकार की भोजन की थाली नशीले पदार्थों से भरे कटोरे के समान होती है.
भीष्म पितामह कहते हैं कि भोजन की जिस थाली में बाल गिर जाएं तो वह भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता. ऐसे भोजन को त्याग देना ही बेहतर होता है. ऐसा करने पर घर में दरिद्रता और स्वास्थ्य की हानि होती है.
भीष्म ने कहा कि इस प्रकार के खाने के सेवन से परहेज करना चाहिए. जिस थाली में ठोकर लग चुकी है, उसमें रखे भोजन को खाने से मनुष्य कर्ज में दबता चला जाता है और मानसिक तनावों का शिकार हो जाता है.
परिवार में स्नेहभाव बढ़ाने के उपाय में बात करते हुए भीष्म कहते हैं कि इसके लिए घर के सभी लोगों को एक ही थाली में या एक साथ मिलजुलकर भोजन करना चाहिए. जिस घर में ऐसा होता है, वहां पर मां लक्ष्मी