मुजफ्फरनगर। शहर में उत्पाती बंदरों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए नगरपालिका ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत पहले दिन टीम के सदस्यों ने शहर से 55 बंदरों को पकड़कर उन्हें लोहे के पिंजरे में बंद किया।
इस योजना की शुरुआत जनवरी माह में आयोजित बोर्ड मीटिंग में हुई, जहां शहरवासियों की शिकायतों और परेशानियों को ध्यान में रखते हुए नगरपालिका परिषद ने बंदरों को पकड़ने का प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव के अनुसार, प्रति बंदर पकड़ने पर 510 रुपये का खर्च निर्धारित किया गया था। इसमें बंदर पकड़ने वाली टीम के सदस्यों के ठहरने और यात्रा खर्च को पालिका द्वारा वहन करने की बात कही गई थी।
हालांकि, प्रस्ताव पारित होने के बावजूद ठेका लेने वाली फर्म ने काम करने से मना कर दिया। इसके बाद पालिका प्रशासन ने कई बार टेंडर निकाले, लेकिन कोई ठेकेदार काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ।
अभियान की शुरुआत मोहल्ला प्रेमपुरी से हुई, जहां ठेकेदार ने लेबर और लोहे के पिंजरों के साथ पहुंचकर काम शुरू किया। पहले दिन की सफलता के साथ, टीम ने प्रेमपुरी में 55 बंदरों को पकड़ा और भविष्य में गांधी कॉलोनी, नई मंडी और पटेलनगर जैसे अन्य क्षेत्रों में भी अभियान चलाने की योजना बनाई है। पकड़े गए बंदरों की गिनती पालिका अधिकारियों के समक्ष कराई जाएगी, जिसके बाद ठेकेदार के कर्मचारी उन्हें दूर जंगल में ले जाकर छोड़ेंगे।
मुख्य सफाई निरीक्षक योगेश कुमार ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा। वहीं, शहरवासियों ने उत्पाती बंदरों और आवारा कुत्तों से मुक्ति के लिए प्रदर्शन भी किए हैं। प्रेमपुरी निवासी समाजसेवी डॉ. ओमपाल सिंह वर्मा ने शिव चौक पर प्रदर्शन किया, जबकि समाजसेवी मनीष चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए ज्ञापन सौंपा।