मेरठ। सीबीआइ गाजियाबाद की टीम ने कैंट बोर्ड के सुपरवाइजर संजय को एक लाख दस हजार की रिश्वत लेते पकड़ लिया। सीबीआइ की टीम सीईओ कैंट के आवास पर भी पहुंची थी। सीईओ के नहीं मिलने से सीबीआइ गाजियाबाद लौट गई।

सोमवार को गाजियाबाद से सीबीआइ की 15 सदस्यीय टीम ने कैंट बोर्ड के आफिस में छापा मारा। यहां पर एक लाख दस हजार की रिश्वत लेते हुए सेनैटरी सुपरवाइजर संजय कुमार को रंगेहाथ पकड़ लिया। यह रकम सफाईकर्मी भर्ती के लिए ली गई थी। सूत्रों की माने तो सीबीआइ की पूछताछ में सुपरवाइजर संजय ने बताया कि छह सुपरवाइजर की पदोन्नति के दौरान लेन-देन हुआ है। बताया कि रकम में कैंट बोर्ड के अफसरों को हिस्सा जाना था।

उसके बाद कैंट आफिस से संजय को लेकर सीबीआइ की टीम उसके घर पर पहुंची। घर की तलाशी ली गई। वहां से सीबीआइ को कुछ कागजात भी मिले है। वहां से सीबीआइ की टीम कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार के घर पर पहुंची थी। वहां पर ज्योति कुमार सीबीआइ को नहीं मिले।

पूछताछ के दौरान सुपरवाइजर ने बताया कि नवंबर माह में होने वाली अस्सी सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर भी लेन-देन की चर्चा चल रही है। सीबीआइ की इस कार्रवाई से माना जा रहा है कि कैंट बोर्ड में भर्ती को लेकर बड़ा गोलमाल चल रहा है। इस मामले में सीईओ ज्योति कुमार से गढ़ रोड स्थित राजवंश विहार कालोनी के पास गाय चोरी कर रहे दो आरोपितों को महिला ने देख लिया। साहस दिखाते हुए महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से गढ़ रोड के पास आरोपितों को पकड़ लिया। उनकी स्कूटी में पशुओं को सुंघाने वाला नशीला पदार्थ रखा था। हिंदू संगठन व छात्रों ने आरोपितों को थाने से छोड़ने का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। सीओ सिविल लाइंस देवेश सिंह ने किसी तरह हंगामा कर रहे लोगों को आश्वासन देकर शांत कराया। एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस पर लगाए आरोपों की जांच कराई जाएगी।