प्रदूषण के मामले में देशभर में दूसरे स्थान पर आने के बाद मुजफ्फरनगर को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त है। जिसके चलते हैं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो टीमें मुजफ्फरनगर पहुंची, जहां उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों का गहनता से निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने भोपा रोड मेरठ रोड जानसठ रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया वही पेपर मिलों की भी गहनता से जांच की। हालांकि मुजफ्फरनगर प्रदूषण विभाग की टीम को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है अधिकारियों का कहना है कि टीम अक्सर आती रहती हैं और औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण कर जांच व रिपोर्ट बाद में हमें भेज ती है।

बुधवार को प्रदूषण का वायु में स्तर हालांकि कम रहा। शहर में एक यूआई 130 रहा। पिछले दो-तीन दिन से लगातार जनपद में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पार कर चुका था। इस दौरान शहर में एक क्यों आई एक 290 वे 290 से अधिक रिकॉर्ड किया गया था जिसके चलते मुजफ्फरनगर और मेरठ देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गए। आज की आबोहवा जहरीली हो गई थी जिसके चलते लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर उन लोगों को जो सांस के बीमार हैं। यहां सुबह शाम स्मोक रूप में कोहरा छा जाता है। जिससे लोगों को सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए दिल्ली से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम मुजफ्फरनगर निरीक्षण के लिए पहुंची, जहां उन्होंने भोपा रोड पर फैक्ट्रियों में निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान मुजफ्फरनगर प्रदूषण टीम को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। टीम निरीक्षण करके चली भी गई जब अधिकारियों से इस बारे में बातचीत की गई तो वह गोलमोल जवाब देते नजर आए। वायु प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने तो फोन तक नहीं उठाया। जिसके बाद प्रदूषण विभाग के अधिकारी विपुल कुमार से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम अक्सर आकर निरीक्षण कर जाती हैं जिसके बारे में कोई सूचना नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के बाद विभाग को अवगत कराया जाता है। दिल्ली स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय से कि जांच के दौरान मानक पर करें नहीं उतारे उद्योगों पर जुर्माना लगाया जाता है। टीम के द्वारा वायु और जल प्रदूषण की जांच की जाती है।