जयपुर. 25 सितंबर को कांग्रेस दल की बैठक के बाद राजस्थान कांग्रेस में सियासी संकट देखने को मिला था। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ नहीं दिखे थे। सीएम गहलोत और पायलट बुधवार को एक साथ एक मंच पर दिखाई देंगे।
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है। भारत जोड़ो यात्रा की 33 नेताओं की समन्वय समिति की बुधवार को कांग्रेस वॉर रूम में पहली बैठक बुलाई गई है। इसी बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल होंगे। सियासी संकट के बाद दो महीनों बाद दोनों नेता एक जगह होंगे।
बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा की समन्वय समिति में प्रदेश प्रभारी अजय माकन सदस्य हैं। राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी बवाल के बाद माकन अपना इस्तीफा दे चुके हैं। इसलिए वे इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। अजय माकन ने आठ नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी भेजकर राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, माकन का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है।
राजस्थान में खबर उड़ी कि सचिन पायलट को सत्ता सौंपी जा सकती है। इसी बीच 25 सितंबर को गहलोत समर्थक मंत्रियों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। मंत्री शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक रखी गई। जिसके बाद मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी समेत अन्य विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के दोनों पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को वापस दिल्ली लौटना पड़ा था। इसके बाद से ही गहलोत और पायलट कैंप के विधायकों में बयानबाजी जारी है।
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के आने से पहले पायलट समर्थकों ने एक बार फिर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पायलट कैंप के मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहिए, तब ही कांग्रेस सरकार रिपीट होगी।