मुजफ्फरनगर जनपद के जानसठ थाना क्षेत्र में गिरोह बनाकर हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले अभियुक्त को अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई है। गैंगस्टर कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने फैसला सुनाया।

अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा और दिनेश सिंह पुंडीर ने बताया कि जानसठ के राजपुर कलां में आठ जून 1997 को नरेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वादी कल्याण सिंह ने सगे भाई मिंटू उर्फ प्रवेंद्र और कल्लू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

वहीं कुछ दिनों बाद हत्याकांड के गवाह की भी हत्या कर दी गई, जिसमें दोनों को नामजद कराया गया था। जानसठ के तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कुमार ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की थी।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान मिंटू की मौत हो चुकी है, जबकि कल्लू को हत्या के प्रकरण में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अभियोजन पक्ष ने बताया कि कल्लू जमानत पर चल रहा था। गैंगस्टर के प्रकरण में अदालत ने अभियुक्त को पांच साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। पुलिस ने अभियुक्त को जेल भेज दिया।