करौली : राजस्थान के करौली जिले में एक घटना जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। जिसमें 45 वर्षीय दिलेर व्यक्ति ने मौत के जबड़े से ना केबल खुद को बाहर निकाला, बल्कि मौत के साथ दो-दो हाथ भी किए। घटना जिले के करणपुर थाना क्षेत्र के सिमारा गांव की है। यहां जांबाज जगदीश मीणा ने मौत से हार नहीं मानी और एक खूंखार मगरमच्छ से जमकर मुठभेड़ की। इस दौरान घात लगाए मगरमच्छ ने उसके एक हाथ को दबोच लिया। लेकिन जगदीश ने हिम्मत नहीं हारी और मगरमच्छ पर ऐसा टूट पड़ा कि मगरमच्छ को उसका हाथ को जबड़े से छोड़ना पड़ा।

जगदीश शुक्रवार को अपनी पत्नी लखन बाई और बेटी पिंकी के साथ भेड़ चरा रहा था। इस दौरान भूख लगने पर तीनों चंबल नदी के किनारे बैठ गए। जहां तीनों एक साथ बैठकर भोजन कर रहे थे। इस बीच तीनों को अंदाजा नहीं था कि मौत उन पर घात लगाए हुए बैठी है। इस दौरान चंबल नदी से खूंखार मगरमच्छ धीरे धीरे दबे पैरों से बाहर निकला और परिवार के साथ भोजन करने में मसगूल जगदीश पर झपट्टा मार दिया। इस दौरान मगरमच्छ ने अपने खूंखार जबड़ों से जगदीश के एक हाथ को दबोच कर उसे तेजी से नदी में खींच कर ले गया।

पीड़ित ने बताया कि मगरमच्छ उसे करीब 10 फिट गहरे पानी तक ले गया। अचानक मगरमच्छ के हमले में जगदीश को पानी में जाता हुआ देखकर उसकी पत्नी और बेटी बुरी तरह चीख पड़ी। उन्होंने जगदीश को बचाने का काफी प्रयास भी किया। लेकिन खूंखार मगरमच्छ के आगे बेबस नजर आए। इस दौरान परिजनों ने मौके पर काफी शोर मचाया। लेकिन उनके आसपास कोई नहीं था।

पीड़ित जगदीश ने बताया कि मगरमच्छ उसे दबोच कर नदी में 10 फीट गहराई तक खींचकर ले गया। इस दौरान एक बार तो उसी लगा कि अब उसका बचना असंभव है। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। जगदीश ने बचने के लिए मगरमच्छ की आंखों पर ताबड़तोड़ मुक्के मारना शुरू कर दिया। जगदीश के हमले से मगरमच्छ भी अचानक हतप्रभ हो गया और उसने जगदीश के हाथ को जबड़े से ढीला कर दिया। इस बीच जगदीश ने मौका पाकर मगरमच्छ के जबड़े से अपने हाथ को छुड़ाकर तैरता हुआ नदी के किनारे पर आ गया। जगदीश की मगरमच्छ के साथ करीब 10-15 मिनट तक जमकर मुठभेड़ हुई। इस दौरान नदी के किनारे काफी उथल-पुथल देखकर परिजन दहाड़ मारकर चीखते रहे।

जगदीश को मगरमच्छ की ओर से नदी में पकड़ कर ले जाने के बाद उसकी पत्नी और बेटी जोर जोर से चिल्लाकर मदद के लिए गुहार लगा रहे थे। जगदीश की पत्नी को एक बार तो लगा कि मगरमच्छ जबड़े से बचकर उसके पति बाहर नहीं आ पाएंगे। लेकिन जब मगरमच्छ से भिड़ंत करने के बाद अचानक जगदीश नदी के किनारे पर आया तो, उसे देखकर पत्नी और बेटी के चेहरे पर खुशी और सुकून के भाव आ गए, मानों जैसे सभी नया जीवन मिल गया हो। दोनों भाग कर जगदीश से लिपट गई।

इस दौरान मगरमच्छ के जबड़े की पकड़ के कारण उसका हाथ बुरी तरह जख्मी हो चुका था। इस पर जगदीश की पत्नी ने तत्काल कपड़े से बांधकर हाथ से बह रहे खून को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद उसे मंडरायल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसको उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।