
नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) ने हाल में ही सूर्य के तरफ एक बड़े विस्फोट का पता लगाया है. रिपोर्ट में बताया गया कि ये विस्फोट सनस्पॉट में हुआ था. यदि वह विस्फोट पृथ्वी की ओर हुआ होता, तो इसके परिणाम भयावह हो सकते थे. हालांकि, अब वही सनस्पॉट पृथ्वी की तरफ घूम गया है और खगोलविदों ने आशंका जताई है कि सनस्पॉट पर एक और विस्फोट संभव है, जो सीधे हमारे ग्रह से टकरा सकता है.
SpaceWeather.com ने अपनी वेबसाइट पर उल्लेख किया है, “सूर्य के उत्तरपूर्वी भाग पर एक नया और संभावित रूप से बड़ा सनस्पॉट उभर रहा है, यह शायद वही सनस्पॉट है जिसने शनिवार को सूर्य के दूरस्थ भाग से गर्म प्लाज्मा के विशालकाय प्लूम को अंतरिक्ष में फेंका था.’ रिपोर्ट के अनुसार इस सनस्पॉट की उपस्थिति से आने वाले दिनों में पृथ्वी के धरातल पर बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं.
ऐसा नहीं है कि सभी सनस्पॉट विस्फोट खतरनाक होते हैं. आमतौर पर, यह सनस्पॉट के आकार और उसमें मौजूद चुंबकीय आवेश की मात्रा पर निर्भर करता है. इस विस्फोट ने बहुत सारे कोरोनल मास इजेक्शन कण जारी किए. यह इस बात का संकेत है कि विस्फोट इतना बड़ा था कि सूर्य की सतह पर मौजूद द्रव्यमान अंतरिक्ष में चला गया था. यदि यह विस्फोट पृथ्वी की ओर मुखरित होकर हुआ होता तो इससे पृथ्वी पर G5-श्रेणी का सौर तूफान आ सकता था.
ये सौर विस्फोट उपग्रह, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन को बर्बाद कर सकता था. यहां तक कि यह विस्फोट पावर ग्रिड की विफलता का कारण बन सकता था. यद्यपि, स्वास्थ्य की दृष्टि से ये मानव को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करता लेकिन हॉस्पिटल की इमरजेंसी सेवा बाधित हो जाती. हॉस्पिटलों में लाशों का ढेर पड़ा रहता. पृथ्वी पर आखिरी बार सौर तूफान 1859 में आया था.
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