उत्तर प्रदेश। बरेली में 10 साल पहले सुरेश शर्मा नगर में हुए तिहरे हत्याकांड में आठ बदमाशों को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि सुनार को उम्रकैद की सजा हुई है। स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने बृहस्पतिवार को सभी दोषियों को सजा सुनाई। सुरेश शर्मा निवासी रविकांत मिश्रा की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें बताया गया था कि वह पीलीभीत में आयकर विभाग के निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। 21 अप्रैल 2014 की सुबह नौ बजे वह अपने घर से पीलीभीत के लिए निकले थे।
अगली सुबह फोन पर सूचना मिली थी कि उनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। खुद उन्होंने भी कॉल की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। वह घर पहुंचे तो मेन गेट के अंदर से बंद था। गैलरी में खिड़की खुली थी और ग्रिल निकला हुआ था। बगल की छत से अंदर जाकर देखा तो उनकी मां की लाश सीढ़ियों के पास पड़ी थी। घर का सामान बिखरा था और अलमारी टूटी हुई थी। बदमाशों ने लूटपाट के इरादे से उनकी मां पुष्पा देवी, भाई योगेश मिश्रा व भाभी प्रिया की हत्या कर दी थी।
इस मामले में पुलिस ने अभियुक्तगण वाजिद, हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, राजू वर्मा, समीर उर्फ साहिब उर्फ नफीस, जुल्फास व जहीर उर्फ शंकर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने चार मार्च को सभी नौ अभियुक्तों को दोषी करार दिया। बृहस्पतिवार को उन्हें सजा सुनाई गई। आठ बदमाशों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। लूट का सामान खरीदने वाले सुनार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
छैमार डेरों पर पुलिस की दबिश पड़ी थी। इससे घटना का खुलासा 2 मई 2014 को हुआ था।मुखबिर से सूचना पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे स्थित डेरों पर पुलिस ने दबिश दी थी। एक व्यक्ति और दो महिलाएं मिलीं। तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए। पेंट की जेब से एक पर्स मिला। इसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला जिसमें पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था। दूसरे कागज पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था।
पकड़ी गयी महिलाओं ने अपना नाम नाजिमा उर्फ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था। व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था। पर्स को देखने पर विजय देव मिश्रा ने रोते हुए बताया कि यह मेरे भाई योगेश का है। वाजिद सख्ती से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर घटनाक्रम का खुलासा किया था। वाजिद ने बताया था कि सब्बल के सहारे खिड़की की ग्रिल हटाकर घर में घुसे थे।
हसीन, नाजिमा, हाशिमा, यासीन हत्या से पूर्व घर के आसपास सब्जी बेचने के बहाने घूमते फिरते थे। इन लोगों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया। महिलाओं की गवाही दोषसिद्ध करने का महत्वपूर्ण आधार बनीं। एडीजीसी दिगंबर पटेल ने बताया कि घटना में शामिल 8 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि ज्वेलरी खरीदने वाले सराफ को उम्र कैद हुई है।