नई दिल्ली। आरोपियों की रिमांड आज खत्म हो रही है। पुलिस को आज एफएसएल रिपोर्ट भी मिल सकती है और पुलिस गृह मंत्रालय को आज या कल इस मामले में रिपोर्ट भी सौंप सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंझावला कांड के आरोपियों की आज रोहिणी कोर्ट में सुनवाई होगी।
जानकारी के अनुसार सुल्तानपुरी मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय को देने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। दिल्ली पुलिस आज या कल रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप देगी। मंगलवार को पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और उन्हें सारी बातों से अवगत कराया।
सुल्तानपुरी कांड को लेकर गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए मामले की पूरी जांच रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके लिए दिल्ली पुलिस की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। मंगलवार तड़के विशेष आयुक्त शालिनी सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और पूरे इलाके का निरीक्षण किया। साथ ही घटना के बाद पुलिस की ओर से उठाए गए कदम को लेकर जानकारी हासिल की।
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और मामले में उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी गई है। दिल्ली पुलिस आज या कल रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप देगी। इससे पूर्व मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा केंद्रीय गृह सचिव से मिलने के लिए उसने कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने गृह सचिव को सारी बातों से अवगत कराया।
दिल्ली महिला आयोग ने राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस के कामकाज में सुधार के लिए विभिन्न उपायों की सिफारिश की है। इस संबंध में आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कंझावला इलाके में कार से कुचलकर युवती की मौत का भी मामला उठाया है।
मालीवाल ने गृह मंत्रालय को निर्भया के जघन्य सामूहिक दुष्कर्म मामले की याद दिलाते हुए कहा कि तब से अब तक कुछ भी नहीं बदला है। दिल्ली में औसतन प्रतिदिन छह से अधिक दुष्कर्म हो रहे हैं। यहां तक कि राजधानी में 8 महीने की बच्ची और 90 साल की महिला के साथ क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया गया है।
उन्होंने पुलिस के कामकाज में सुधार के लिए गृहमंत्री की अध्यक्षता में गृहमंत्रालय में एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की सिफारिश की है जिसमें उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को शामिल किया जाए और उनकी महीने में एक बार बैठक करने और उसे राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए एक समन्वित रणनीति बनाने का अधिकार हो।
इसके अलावा आयोग ने दिल्ली पुलिस की जवाबदेही बढ़ाने और राजधानी में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध से संबंधित मुद्दों पर अपने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की सिफारिश की है। आयोग ने सिफारिश की है कि गृहमंत्रालय को कंझावला मामले में उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके एक उदाहरण पेश करना चाहिए, जो दिल्ली की सड़कों पर 13 किलोमीटर तक युवती को घसीटते हुए बचाने में नाकाम रहे। उन्होंने दिल्ली पुलिस में मानव संसाधन बढ़ाने और दिल्ली पुलिस को आधुनिक बनाने और राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए उन्हें अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करने की भी सिफारिश की है।
दिल्ली महिला आयोग ने सुल्तानपुरी कांड में मृतका की दोस्त को कठघरे में खड़ा किया है। मालीवाल ने कहा कि घटना के बाद मृतका की दोस्त का घर जाना अचंभित करने वाला कदम है। यह कैसी दोस्त है जो अपनी सहेली को बचाने के लिए आगे नहीं आई। उसने कार में सवार लड़कों को रोका नहीं, पुलिस व पीड़ित लड़की के किसी रिश्तेदार को नहीं बताया। उन्होंने पीड़ित लड़की की सहेली की भी जांच करनेे पर जाेर दिया है।