गुरुग्राम. गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी के संस्थापक और निदेशक राजेश सिंह ने हाल ही में एक एजेंट के बारे में एक लिंक्डइन कहानी पोस्ट की थी जो अपने इलाके में लोगों के घरों पर गैस सिलेंडर पहुंचाता है. इन्होंने यूजर्स को एजेंट के जीवन की एक झलक दी और देश में कई कुशल ग्रैजुएट्स को योग्यता से निचले स्तर पर काम करने की एक झलक दी. एजेंट की कहानी को लिंक्डइन 42,000 से अधिक लाइक्स मिले और 500 से अधिक यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है. हालांकि, यह पोस्ट देश में मौजूद नौकरी के माहौल और कई युवाओं की जमीनी हकीकत के बारे में बतलाता है.
पोस्ट की शुरुआत में राजेश सिंह ने बताया कि वह यह जानकर हिल गया था कि उसका डिलीवरी एजेंट अंग्रेजी में बातचीत कर सकता है. भारतीय समाज के भीतर, कई लोग अभी भी विषम नौकरियां या दैनिक मजदूरी करने वाले को अंग्रेजी बोल पर आश्चर्य प्रगट करते हैं. लोगों का मानना है कि मजदूर या छोटी-मोटी कमाई करने वाले लोगों को अंग्रेजी नहीं आती. शायद यही वजह रही होगी कि राजेश सिंह को घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले एजेंट द्वारा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने पर आश्चर्य हुआ. युवक से बातचीत के बाद पता चला कि सुल्तानपुर का 24 वर्षीय संदीप यादव साइंस ग्रेजुएट है.
संदीप यादव दिन-प्रतिदिन के आधार पर लगभग 25 से 30 सिलेंडर वितरित करते हैं और 12,000 की मासिक आय अर्जित करते हैं. यह पूछे जाने पर कि स्नातक होने के बाद उन्होंने ऐसी नौकरी का विकल्प क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसी नौकरी थी जिसे वह सुरक्षित कर सकते थे. इसने उसे एक अच्छी रकम का भुगतान किया, जिसके माध्यम से वह अपने गांव में अपने बूढ़े माता-पिता को सपोर्ट कर सकते हैं. वह 12,000 से जो मासिक कमाते हैं, उनमें से लगभग 8,000 घर भेज देते हैं, और वे शेष 4,000 पर महीने का गुजारा करते हैं.