मेरठ। प्रदेश के कई जिलों में करीब चार साल से डीजल चोरी की वारदात को अंजाम देते आ रहे गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से तमंचा, बिना नंबर की स्कार्पियो, बोल्ट कटर, पाइप, कई नंबर प्लेट और प्लास्टिक की तीन कैन बरामद हुई हैं। गिरोह के सदस्य पिछले करीब चार साल से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़ सहित अन्य जिलों के साथ ही हरियाणा के शहरों में भी लगातार वारदात करते रहे। चुराए गए डीजल को कम कीमत पर बेचकर अब तक लाखों रुपये भी कमा चुके हैं।
सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने बताया कि बृहस्पतिवार रात देहली गेट पुलिस ने पंडित गंगाराम धर्मशाला केसरगंज से चेकिंग के दौरान बिना नंबर की स्कार्पियो को रोका था। इसमें वसीम निवासी बुड्ढापीर जानी, मयंक चौहान, प्रिंस कुमार, इश्तकार निवासी सिवालखास और अनुज लाकड़ा निवासी जनता कालोनी दिल्ली रोड़ सोनीपत हरियाणा सवार थे। पांचों को संदिग्ध मानते हुए थाने लाया गया। यहां पूछताछ में सामने आया कि सभी काफी समय से वाहनों से डीजल चुराते रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य वाहन की टंकी का ढक्कन कटर से काटकर डीजल चुरा लेते थे। रात में हाईवे और संपर्क मार्ग पर बने ढाबों और होटलों के पास खड़े वाहनों से यह डीजल चुराया जाता था। इसके बाद इसे कम रेट में बेच देते थे। आरोपियों के पास से आर्मी और पुलिस के फर्जी आईकार्ड बरामद किए गए हैं। इन्हें वाहनों पर लगाकर वह सुरक्षित तरीके से टोल और चेकपोस्ट पार करके निकल जाते थे।
वर्ष 2019 में भी आरोपी वसीम मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने से डीजल चोरी के मामले में जेल गया था। वहीं, चरथावल थाने में भी गैंगस्टर लगाया गया। जेल से छूटने के बाद फिर से डीजल चुराने के धंधे में लिप्त हो गया। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों तक पहुंचने का भी प्रयास कर रही है।