मुजफ्फरनगर। इस साल जिले के 567 लोगों ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजी गई हैं। इनमें से 528 का निस्तारण किया गया है जबकि 39 शिकायतों का अभी निस्तारण होना बाकी है। उधर, थानों में लगाए जाने वाले मानवाधिकार आयोग की गाइड लाइन वाले बोर्ड शहर के थानों से नदारद है।
जिले में पुलिस हो या फिर सरकारी कार्यालय, सभी स्थानों पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। न्याय न मिलने पर पीड़ित अपनी पीड़ा मानवाधिकार आयोग को लिखकर भेज रहे है। इसके बाद वहां से कार्रवाई के लिए कहा जाता है तो सुनवाई शुरू होती है। यदि इस वर्ष की बात करे तो जिले में रहने वाले 567 लोगों ने शिकायत आयोग में भेजी। पुलिस ने इनमें से 528 का निस्तारण कर दिया जबकि 39 शिकायतों का अभी निस्तारण होना बाकी है। एसएसपी विनीत जायसवाल के निर्देशन में इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
मानवाधिकार आयोग की ओर से पुलिस के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। हर थाने में बोर्ड लगाए जाए। पूर्व समय में बोर्ड हर थाने में लगाया गया था लेकिन शहर के थानों में यह बोर्ड कहीं दिखाई नहीं दे रहे है।
समाजसेवा से लंबे समय से जुडे़ व शांति सेना के संरक्षक मनेश गुप्ता बताते है कि थानों व सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा हैं। शहर कोतवाली के गांव सूजडू निवासी एक महिला पर उसका ससुर व उसका दोस्त बुरी नजर रखते थे। विरोध पर महिला को पीटा जाता था। शिकायत पर शहर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पीड़िता से जानकारी मिलने के बाद उन्होंने शहर कोतवाली पुलिस से संपर्क किया तब कहीं जाकर मुकदमा दर्ज हो सका था।