हिंदू धर्म में सावन का महीने का बहुत अधिक महत्व है। इस माह को भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। श्रावण मास आरम्भ होते ही सावन का महीना शुरू हो जाता है। इस बार सावन 25 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। सावन के पूरे माह में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। सावन के सोमवार को व्रत रखकर आप शकंर जी का आर्शीवाद पा सकते हैं। शास्त्रों में सावन को लेकर कई नियम बनाए गए है। जिन्हें मानना आवश्यक माना जाता है। ये नियम मनुष्य के आचरण के साथ-साथ खानपान को लेकर बताए गए है। जानिए सावन माह में किन कामों को करने की मनाही है।
मंदिरा का सेवन ना करे
सावन के महीने में मांस-मंदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति का मन अशांत हो जाता है। इसलिए इस माह सात्विक जीवन जीना चाहिए।
वाद-विवाद से बचे
सावन के माह में किसी भी तरह का लड़ाई-झगड़ा करने से बचे। यह माह भगवान सिव और मां पार्वती को समर्पित होता है। इसलिए घर-परिवार में स्नेह बना रहना चाहिए। घर का वातावरण शांत रहना चाहिए।
लहसुन-प्याज
सावन के महीने में लहसुन और प्याज का सेवन करने की मनाही होती है। इसका सेवन करने से जुनून, उत्तजेना और अज्ञानता को बढ़ावा देती हैं जिस कारण अध्यात्मक के मार्ग पर चलने में बाधा उत्पन्न होती हैं और व्यक्ति की चेतना प्रभावित होती है।
मूली-बैगन
लहसुन-प्याज की तरह बैंगन, मूली और मसूर की दाल का सेवन भी वर्जित किया गया है। बासा और जला हुआ भोजन भी अपवित्र और तामसिक भोज की श्रेणी में रखा गया है।
बीच में ना छोड़े व्रत
शास्त्रों के अनुसार सोमवार का व्रत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप रख पाने में असमर्थ हैं तो भगवान शिव से माफी मांग कर ना रखें।