नई दिल्ली. मौसम बदलने पर खांसी हो जाना एक सामान्य तकलीफ है. अधिकतर लोग बिना डॉक्टर के पास जाए गर्म पानी पीकर और खानपान में बदलाव कर इससे मुक्ति पा लेते हैं. हालांकि कई बार यह खांसी हफ्तों तक ठीक नहीं होती. ऐसे में आपको बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. हो सकता है कि आपकी यह लंबी खांसी शरीर के अंदर पक रही किसी दूसरी बीमारी का संकेत हो.

डॉक्टरों के मुताबिक खांसी के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं. आम तौर पर मौसम बदलने पर बैक्टीरिया गले पर अटैक करते हैं, जिससे अक्सर खांसी हो जाती है. इसके साथ ही स्मोकिंग करने, इंफेक्शन होने या एलर्जी से भी आपको खांसी हो सकती है. टेस्ट के बाद ही पता चलता है कि आपको हो रही खांसी की वजह क्या है. इसके बाद ही बीमारी का पता लगाकर इलाज शुरू किया जाता है. मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक खांसी 3 प्रकार की होती है. मौसम बदलने की वजह से होने वाली एक्यूट खांसी करीब 2 से 3 हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाती है. वहीं सब-एक्यूट खांसी करीब 3 से 8 हफ्तों तक रह सकती है. इस खांसी को ठीक करने के लिए दवा का सहारा लेना पड़ता है.

वहीं क्रॉनिक खांसी करीब 8 हफ्तों से ज्यादा रहती है. इस तरह की खांसी शरीर में पनप रही किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती है.अस्थमा: अस्थमा होने पर हमारी श्वास नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे बलगम बनता है. यह बलगम ऑक्सिजन की शरीर में आपूर्ति को रोकता है. जिससे पीड़ित मरीज को काफी खांसी उठती है. यह खांसी सूखी और गीली दोनों तरह की हो सकती हैं. हालांकि सूखी खांसी काफी सामान्य है.

इंफेक्शन: कई बार मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम के साथ ही खांसी की समस्या भी हो सकती है. ऐसी खांसी कई बार डेढ़-दो महीने तक परेशान करती है. इस प्रकार के संक्रमण में श्वास नलिकाओं में रुकावट आने लगती है, जिससे गंभीर खांसी उठती है. इस प्रकार की खांसी ठीक होने में समय लग जाता है.

स्मोकिंग: खांसी का एक बड़ा कारण स्मोकिंग भी होता है. दरअसल तंबाकू में मौजूद रासायनिक तत्व फेफड़े में जलन पैदा करते हैं. शरीर इस जलन को खांसी के जरिए बाहर निकालने के लिए बलगम बनाता है. इसके चलते मरीज को काफी खांसी उठती है. अगर स्मोकिंग पर जल्द रोक नहीं लगाई जाए तो टीबी के साथ ही दूसरी बड़ी बीमारियां भी हो जाती हैं.

फेफड़ों का कैंसर: अगर आपकी खांसी दवा के बाद भी लंबे समय तक जा नहीं रही है तो आपको फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको खांसते वक्त खून भी आ सकता है. अगर कभी ऐसे लक्षण दिखाई दें तो बिल्कुल देर न करें और मरीज को नजदीक के अच्छे अस्पताल में भर्ती करवाएं.

पोस्ट नेजल ड्रिप: अगर छाती में बलगम सामान्य से अधिक मात्रा में बनने लगता है तो उस स्थिति को पोस्ट नेजल ड्रिप कहा जाता है. यह स्थिति तब पैदा होती है, जब बलगम नाक से बाहर ना आकर वापस गले में पहुंचने लगता है. सर्दी -जुकाम और एलर्जी होने पर यह समस्या काफी बढ़ जाती है. ठंडी और सूखी हवा में सांस लेने से गले में खराश की समस्या होने लगती है. मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक कभी-कभार खांसी उठ जाना सामान्य बात है. हालांकि यह अगर आपको 3-4 हफ्तों तक खांसी की समस्या रहे तो डॉक्टर से चेक अप करवाना चाहिए. अगर कभी आपको खांसते वक्त खून भी बाहर आए तो आपको तुरंत मरीज को अस्पताल में ले जाकर उसके गहन टेस्ट करवाने चाहिए. जिससे असल बीमारी का पता कर उसका समय से इलाज शुरू हो सके.