नई दिल्ली. लिवर यानी जिगर शरीर का ऐसा अंग है, जो बॉडी को चलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसे आप ऐसे भी जान सकते हैं कि अगर किसी वजह से लिवर डैमेज हो जाए तो इंसान की जान भी जा सकती है.

मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक हमारे शरीर में मौजूद लिवर भोजन को पचाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और ऊर्जा को संचित करने का काम करता है. लिवर में कुछ मात्रा में फैट मौजूद रहता है, जो उसे सही तरीके से संचालन में मदद करता है. हालांकि अगर यह मात्रा ज्यादा हो जाए तो लिवर के लिए खतरा भी बन सकती है.

रिपोर्ट के अनुसर लिवर में फैट की मात्रा बढ़ने पर वह फैटी लिवर की बीमारी का शिकार बन जाता है. यह बीमारी आम तौर पर दो प्रकार की होती है: अल्कोहलिक और नॉन-अल्कोहलिक. अपनी लाइफ स्टाइल में सुधार कर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग का आसानी से इलाज किया जा सकता है. हालांकि अल्कोहलिक फैटी लिवर को ठीक करने के लिए अस्पताल के इलाज की जरूरत पड़ती है.

डॉक्टरों के मुताबिक, जब शरीर में फैटी लिवर की समस्या शुरू होती है तो बॉडी कुछ संकेत देने लगती है. अगर आप इन संकेतों को पहचान लें और समय रहते इलाज शुरू करवा दें तो इस बीमारी से काफी हद तक बच सकते हैं. पेट के आसपास अतिरिक्त वजन बढ़ना, मोटापा होना, नॉन-अल्कोहलिक लीवर का पारिवारिक इतिहास होना, शरीर में हाई फैट लेवल होना, हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होना और टाइप -2 डायबिटीज जैसी बीमारी में से अगर कोई तकलीफ नजर आए तो समझ जाना चाहिए कि लिवर में कोई समस्या हो सकती है. ऐसे में तुरंत मेडिकल जांच और इलाज कराने में देरी नहीं करनी चाहिए.

डॉक्टरों के मुताबिक लिवर को फैटी होने से बचाने के लिए अपने लाइफ स्टाइल में चेंज करना चाहिए. सबसे पहले शराब के सेवन से दूरी बनानी चाहिए. ड्रिंक करने से किडनी और लिवर दोनों को नुकसान पहुंचता है. फैटी लिवर की दिक्कत से बचने के लिए फाइबर वाली चीजें खानी चाहिए. शरीर का वजन घटाने पर ध्यान देना चाहिए और रोजाना कम से कम 2 घंटे कोई न कोई शारीरिक मेहनत वाला काम जरूर करना चाहिए. भोजन में साबुत अनाज की मात्रा भी बढ़ानी चाहिए.