उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में पुलिस ने एक ऐसे मामले का पर्दाफाश किया है जिसमें एक महिला ने जेठ से अपने अवैध संबंधों के चलते अपने ही पति की हत्या कर दी. स्पेशल पुलिस टीम की तफ्तीश के चलते इस मामले का पटाक्षेप 5 महीने बाद बड़े ही आश्चर्यजनक तरीके से हुआ.
दरअसल, यह मामला उदयपुर शहर के प्रतापनगर थाना इलाके का है, यहां करीब 5 महीने पहले एक अज्ञात शव पुलिस को मिला था. अब इस मामले में पुलिस ने आरोपी जेठ, मृतक की पत्नी और मामले में लिप्त पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. एसपी डॉ राजीव पचार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया है.
बताया गया कि, पुलिस की स्पेशल टीम के कॉन्स्टेबल प्रहलाद पाटीदार को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग एक मृत प्रमाण पत्र बनवाने की बात कहते हुए कई पंचायतों के चक्कर लगा रहे हैं. इस टीम ने जब दो लोगों पर निगरानी रखी तो किसी व्यक्ति की मौत के बाद फर्जी मृत प्रमाण पत्र बनवाने की बात सामने आई.
टीम ने जब दोनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो इन लोगों ने अपने 3 अन्य साथियों के साथ मिलकर एक हत्या की वारदात को अंजाम देने को स्वीकार कर लिया. आरोपियों ने इस हत्या के लिए त्रिपुरा के प्रदीपदास नाम के व्यक्ति को सुपारी दी थी. स्पेशल टीम और प्रतापनगर थाना पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.
इस मामले में मृतक के बड़े भाई तपनदास और मृतक की पत्नी के बीच अवैध संबंधों का होना सामने आया है. पुलिस की टीम ने इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड मृतक की पत्नी और बड़े भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है. एसपी राजीव पचार ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि असम निवासी मृतक उतमदास के बड़े भाई ने सुपारी देकर उसके छोटे भाई की हत्या करवाई.
इन लोगों ने हत्या के बाद खुद यहां से गांव जाकर उसकी मौत का कारण कोरोना बता दिया. इसके बाद सब रीति रिवाज भी करवाए. पुलिस ने मृतक की पत्नी, बड़े भाई और उदयपुर के 5 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने फिल्मी अंदाज में शातिराना हत्याकांड को अंजाम दिया.
जानकारी के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन के कारोबारी मृतक उत्तमदास की एक कंपनी है, जिसका सालाना 5 करोड़ का टर्न ओवर है. उत्तम ने अपनी कंपनी के मार्फत राजस्थान के तहसील कार्यालय को मॉड्यूलर ऑफिस बनाने का ठेका ले रखा था जिसका काम 5 अन्य आरोपियों में शामिल राकेश देख रहा था.
मृतक के बड़े भाई तपन और उसकी पत्नी रूपा ने उत्तम को उदयपुर भेजा और राकेश और उसके 4 साथियों को साढ़े 12 लाख रुपए की फिरौती देकर मौत के घाट उतारने की सुपारी दे दी. उत्तम के उदयपुर आने पर राकेश और उसके साथियों ने शराब पार्टी की और उत्तम की गला घोट कर हत्या कर उसका शव उदयसागर झील किनारे फेंक दिया.
इस मामले में रोचक बात यह है कि पुलिस आरोपियों तक पहले पहुंची और उसके बाद मृतक की शिनाख्त हो पाई. इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस ने असम जाकर उत्तम के घर तक दस्तक दी तभी वहीं से महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगने के बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया.
दिलचस्प बात यह भी है कि पिछले साल नवंबर में उत्तम की हत्या करने के बाद पत्नी द्वारा विधि-विधान से उत्तम की अंतिम क्रियाओं को उसके पैतृक निवास पर पूरा किया गया. लेकिन, लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी उत्तम का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला था. इसकी वजह से रूपा को उत्तम की संपत्ति और पूर्व में कराई गई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था.
यही कारण है कि रूपा उत्तम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना चाहती थी, इसके लिए पिछले लंबे समय से वह उदयपुर में कुछ बिचौलियों और सरकारी अधिकारियों से संपर्क में जुटी हुई थी. पुलिस ने इसी प्रमाण पत्र को बनवा रहे लोगों पर शक किया और पूरा मामला खुल गया.