अफगानिस्तान के जुर्म कस्बे से 40 किलोमीटर दूर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया. केंद्र हिंदूकुश पहाड़ों के नीचे जमीन के अंदर 187.6 किलोमीटर की गहराई में था. इस भूकंप की वजह से कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन, भारत, उजबेकिस्तान और किर्गिस्तान को हिला गया. हैरानी और ध्यान देने वाली बात ये है कि अफगानिस्तान में भूकंप आने वाला है, इसकी भविष्यवाणी 24 घंटे पहले नीदरलैंड्स के रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने कर दी थी.
इससे पहले हूगरबीट्स ने तुर्की में आए भूकंप की भविष्यवाणी भी की थी. उसके कुछ दिन बाद ही भयानक तबाही मची. खैर… फ्रैंक हूगरबीट्स ने अपने YouTube पेज SSGEOS पर एक वीडियो डाला. आप वो वीडियो यहां पर नीचे देख सकते हैं.
फ्रैंक हूगरबीट्स ने अपने वीडियो में कहा कि आशंका है कि 22 तारीख के आसपास तेज भूकंप आ सकते हैं. उन्होंने पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों पर मार्किंग करके बताया था. फ्रैंक भूकंपों की गणना चांद की बदलती स्थिति और अन्य ग्रहों के साथ होने वाले कंजक्शन के आधार पर करते हैं. साथ ही इन ग्रहों की स्थिति बदलने से पृथ्वी के वायुमंडल पर पड़ने वाले असर, चुबंकीय फील्ड पर होने वाले असर आदि की स्टडी करने के बाद भविष्यवाणी करते हैं.
अब लोग ये सोच रहे हैं कि फ्रैंक हूगरबीट्स की भविष्यवाणी हर बार लगभग सही कैसे हो जाती है. वीडियो में फ्रैंक 16 मार्च को करमेडेक द्वीप पर आए 7.1 तीव्रता की बात करते हैं. इसके अलावा 18 मार्च को इक्वाडोर में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप की बात करते हैं. फ्रैंक कहते हैं कि उन्होंने यह गणना ग्रहों की जियोमेट्री और लूनर पीक्स के आधार पर SSGI ग्राफ बनाकर की है.
इस समय सूरज-बुध-बृहस्पति का कंजक्शन हो रहा है. साथ ही 21 मार्च को ही चांद का आकार भी बदला है. फ्रैंक ने वीडियो में बताया था कि ऐसी स्थिति में दुनिया के अलग-अलग जगहों पर 6 से 6.9 के बीच का भूकंप आ सकता है. आशंका ज्यादा 22 मार्च को आने की है.
अब सवाल ये उठता है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी हो सकती है. तो भूकंप विज्ञानियों के बीच एक कहावत चलती है कि अगर कभी जियोलॉजी में नोबल पुरस्कार दिया जाएगा, तो उस वैज्ञानिक को मिलेगा, जो भूकंप की भविष्यवाणी कर लेगा. भूकंप की भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है. कई तरीके हैं, जिनसे भूकंप से कुछ सेकेंड्स पहले अलर्ट जारी हो सकता है लेकिन वो बहुत काफी नहीं है. भविष्य में ये संभव है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सही और सटीक भविष्यवाणी की जा सके.
SSGEOS नीदरलैंड्स में स्थित एक रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जहां पर फ्रैंक काम करते हैं. उन्होंने भूकंपों की भविष्यवाणी करने में काफी ज्यादा रिसर्च किया है. कई तरह के सॉफ्टवेयर रिलीज किए हैं. जैसे- सोलपेज और एसएसजीआई. सोलपेज के काम करने का तरीका भी ग्रहों की स्थिति, कंजक्शन आदि को लेकर ही है. कुछ समय बाद सोलपेज के साथ SSGI एल्गोरिदम को जोड़ दिया जाएगा. ताकि ज्यादा सटीक भविष्यवाणी की जा सके.
भूकंप की भविष्यवाणी करने का कोई साइंटिफिक तरीका नहीं है लेकिन हूगरबीट्स दावा करते हैं कि वो ग्रहों की स्थिति को देखकर यह बता सकते हैं कि पृथ्वी पर भूकंप कब आएगा. फ्रैंक का सॉफ्टवेयर SSGI ग्रहों की पोजिशन का डेटा लेकर भूकंप के आने की भविष्यवाणी करता है. ग्राफ दिखाता है. इससे पता चलता है कि कहां कितना बड़ा और ताकतवर भूकंप आ सकता है.