नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 10वां समन देने के लिए ईडी की टीम पहुंची है। उनके आवास पर तलाशी और पूछताछ चल रही है। वहीं दूसरी तरफ सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएम के गिरफ्तार करने की तैयारी है।

दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक व्यक्ति नहीं, एक विचार हैं। हम अंदर नहीं जा सकते क्योंकि भारी सुरक्षा तैनात है। हम यहीं इंतजार करेंगे। अगर एक लोकप्रिय सीएम को इस तरह से गिरफ्तार किया जाता है, तो उनके समर्थक पूरी दिल्ली से यहां आएगी।

हाईकोर्ट ने आज ईडी को नोटिस जारी कर पूछा कि समन रद्द क्यों नहीं किए जा रहे हैं और अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत क्यों नहीं दी जाएगी। कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ईडी अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने पहुंचे हैं। अगर यह एक तलाशी अभियान है, तो वे पुलिस कर्मियों से भरी चार बसें क्यों लाए हैं? आरएएफ कर्मियों से भरी दो बसें लाने की क्या जरूरत थी? पूरे इलाके की बैरिकेडिंग करने की क्या जरूरत थी? यह अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल के आवास पर मौजूद है।

ईडी की टीम के पहुंचे के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं आरएएफ की टीम को भी तैनात किया गया है। वहीं आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है। सुरक्षाबलों की एक और टीम पहुंची है। जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ईडी और बीजेपी अदालतों का सम्मान नहीं करते हैं। अगर ऐसा होता तो वे आज ही अरविंद केजरीवाल के आवास पर छापा मारने नहीं आते। यह एक राजनीतिक साजिश है और वे अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए यहां आए हैं.।

मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर ईडी की टीम पहुंचे के बाद दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पहुंचे। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी है। वहीं दिल्ली मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के घर के बाहर पहुंची हैं। उनके साथ कई आप नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे हैं। आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दो साल की जांच में कोई रिकवरी नहीं हुई। ये बौखलाहट है। चुनाव से पहले कार्रवाई की गई है।

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कथित शराब नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए इस चरण में दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

राजू ने आगे कहा कि आवेदन पर निर्णय करना मुख्य याचिका में सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाने के समान होगा, खासकर जहां स्थिरता का मुद्दा है। हमने कब कहा कि हम गिरफ़्तारी का आह्वान कर रहे हैं? हम पूछताछ के लिए बुला रहे हैं, हम गिरफ्तार कर सकते हैं हम गिरफ्तार नहीं भी कर सकते। उन्होंने कहा कि यह केजरीवाल की कल्पना की उपज है कि आम आदमी पार्टी को मामले में आरोपी बनाया जा रहा है।

“न तो आम आदमी पार्टी और न ही केजरीवाल को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। यदि उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है, तो कथित एफआईआर या मामले को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है।

उन्होंने कहा एफआईआर उनके खिलाफ नहीं है। वह विजय नायर या मनीष सिसौदिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग नहीं कर सकते, जब तक कि उनके पास कोई अधिकार न हो। उसका कोई ठिकाना नहीं है। वह तब तक पीड़ित व्यक्ति नहीं हो सकते जब तक वह यह न कहें कि मैं आम आदमी पार्टी हूं। और अगर आप आम आदमी पार्टी हैं तो आपने आम आदमी पार्टी क्यों नहीं बनाई।

दूसरी ओर ईडी की और से पेश एएसजी एसवी राजू ने अंतरिम राहत देने का विरोध किया और तर्क दिया कि केजरीवाल कानून से परे नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि कानून हर व्यक्ति के लिए समान होना चाहिए, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या आम आदमी।

अदालत के सवाल पर राजू ने जवाब दिया कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी प्रमुख के तौर पर नहीं, बल्कि निजी हैसियत से पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह दिखाने के लिए सामग्री थी कि पूछताछ के लिए उन्हें बुलाने की आवश्यकता है।एएसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल के आवेदन पर सुनवाई नहीं की जा सकती क्योंकि उनकी मुख्य याचिका की विचारणीयता ही सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि आवेदन शरारतपूर्ण तरीके से पेश किया गया है।

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार सुनवाई के दौरान दलील दी कि चुनाव नजदीक होने के कारण ईडी इस चरण में गैर-स्तरीय खेल का प्रयास कर रहा है और समन में यह नहीं बताया गया है कि केजरीवाल को किस क्षमता से शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए बुलाया गया है। एकमात्र वस्तु है मेरे पार्लर में आओ, कॉफी मत लो. मैं तुम्हें गिरफ्तार कर लूंगा।

सिंघवी ने आगे कहा कि ईडी को गिरफ्तारी की आवश्यकता को प्रदर्शित करना चाहिए क्योंकि यह कहना कोई शर्त नहीं है कि केवल इसलिए कि जांच एजेंसी के पास शक्ति है, वह कभी भी इसका इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई चुनाव के कारण है और इसे अस्पष्ट, तुच्छ और प्रेरित बताया।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने कहा हमने दोनों पक्षों को सुना है हालाँकि इस स्तर पर हम किसी भी आदेश को पारित करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

हालांकि पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को अंतरिम राहत की मांग करने वाले केजरीवाल के आवेदन पर जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता दी जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का हिस्सा है। अदालत ने कल समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका की विचारणीयता पर ईडी से जवाब मांगा था और मामले को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।