आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में 15 सूत्री मांगों को लेकर विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. संघर्ष समिति का साफ तौर पर कहना है कि वह किसी भी हालत में झुकेंगे नहीं. पिछले दो दिनों से आगरा में विद्युत कर्मचारी संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर है. सरकार की तरफ से इन सभी विद्युत कर्मियों को शनिवार 6:00 बजे तक धरना खत्म कर काम पर लौटने की डेडलाइन दी है. डेडलाइन पूरी हो गई है. लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है.

आगरा दक्षिणांचल कार्यालय पर धरना दे रहे संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि अब हम सरकार के आगे झुकेंगे नहीं और जेल भरने की नौबत आई तो उसके लिए भी हम तैयार हैं. लखनऊ में उनके वरिष्ठ अधिकारी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ बैठक कर रहे हैं. अंतिम निर्णय आने की देरी है.

आगरा दर्द दक्षिणांचल विद्युत निगम के कार्यालय पर विद्युत कर्मी पिछले 2 दिनों से धरना दे रहे हैं. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही उन्होंने आवाहन किया है कि सरकार के द्वारा अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह जेल भरने का काम करेंगे. JE अनिल कुमार का कहना है कि कहा कि हमारी मांगे नई नहीं है. 3 दिसंबर 2022 को ऊर्जा मंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ लिखित में समझौता हुआ था. 15 दिनों का समय दिया गया था. लेकिन 3.5 महीने बीत जाने के बाद भी समझौते पर अमल नहीं किया गया. इसलिए यह हड़ताल जारी है. अगर जेल जाने की नौबत भी आए तो हम उसके लिए भी तैयार हैं.

विद्युत कर्मियों की हड़ताल से हालांकि आगरा शहर में कोई ऐसा असर नहीं है, क्योंकि शहर की बिजली आपूर्ति प्राइवेट कंपनी टोरंट के हाथों में है. लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत गांव देहात में है. मौसम भी खराब है ट्रांसफार्मर फुंकने, तार टूटने या अन्य किसी समस्या को ठीक करने के लिए विद्युत कर्मचारी मौजूद नहीं है. जिसकी वजह से हड़ताल का असर ग्रामीण इलाकों में हो रहा है. आसपास के इलाके खंदौली, शमशाबाद, फतेहाबाद में इस हड़ताल का असर देखा जा रहा है. हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि हड़ताल कब तक जारी रहेगी और सरकार और संघर्ष समिति के बीच में क्या बीच का रास्ता निकलेगा.