केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में फाइनेंस बिल 2023 पेश किया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर हंगामा किया. विपक्षी पार्टियों के सांसदों की मांग थी कि इस मामले को लेकर जेपीसी गठित की जानी चाहिए. भारी शोर-शराबे के बीच फाइनेंस बिल 2023 पारित हो गया. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू नेशनल पेंशन सिस्टम को इम्प्रूव करने की जरूरत है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मामले को देखने के लिए मैं एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखती हूं. इस कमेटी का गठन वित्त सचिव की अगुवाई में किया जाएगा. इससे पहले उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सुधार की आवश्यकता है. इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेशी दौरों पर क्रेडिट कार्ड के भुगतान को स्वीकार नहीं किया जा रहा. इसे भी आरबीआई (RBI) देखना चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसारन फाइनेंस बिल 2023 में डेट म्यूचुअल फंड, जो इक्विटी में अपनी संपत्ति का 35 प्रतिशत से कम निवेश करता है. ऐसे निवेशकों को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से अलग रखने का प्रस्ताव है. इस तरह म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स ही लगेगा. सदन की मंजूरी मिलने के बाद ऐसी म्यूचुअल फंड योजनाओं के धारक जो अपनी संपत्तियों का 35 प्रतिशत इक्विटी शेयर में निवेश करते हैं उन्हें स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा.
आपको बता दें केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की जा रही है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड की सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन (OPS) को बहाल कर दिया गया है. कुछ और राज्य के कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने का प्लान कर रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी जारी की गई है. केंद्र सरकार की तरफ से विरोध-प्रदर्शन करने या हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारी को बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई.