चंडीगढ़. पंजाब समेत देशभर में अभी एक नाम चर्चा में है वो नाम है ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह का. पंजाब पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए हर कोशिश कर रही है. लेकिन खबर लिखे जानें तक सफलता नहीं मिली है.
पंजाब में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे इस मामले को लेकर इसलिए पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सोमवार तक के लिए राज्य में नेट बंदी कर दी गई है. मोबाइल एसएमएस सेवाएं भी बंद हैं. सिर्फ वॉयस कॉल की सेवाएं शुरू है. पंजाब पुलिस की ओर से अमृतपाल को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. नियंत्रण व राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस ने कई जगह फ्लैग मार्च किया. इस बीच सीआरपीएफ के जावान भी शामिल रहे.
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार के गृह मामलों और न्याय विभाग की ओर से कहा गया है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं, वॉयस कॉल को छोड़कर, पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में 20 मार्च तक के लिए निलंबित कर दिया गया है.
सूत्रों की मानें तो पंजाब पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधानों के तहत अमृतपाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्लान तैयार कर रही है. अमृतसर के पुलिस उपायुक्त परमिंदर सिंह भंडाल ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने वाहनों की जांच के लिए अमृतसर और शहर के बाहरी इलाकों में 100 नाके बनाए हैं. पूरे पंजाब में पुलिस अलर्ट मोड पर है.
कई जिलों में फ्लैग मार्च निकाला गया है. साथ ही लोगों से इस मामले में सहयोग की अपील की गई. बड़ा सवाल ये है कि आखिर पुलिस कब तक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर पाएगी.