दिल्ली| दिल्ली में पहलवानों के आंदोलन के तीन मुख्य चेहरे (बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट) अब अपनी जॉब पर वापस लौट गए हैं. साक्षी मलिक ने कहा कि सत्याग्रह के साथ-साथ वो रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. उनकी ये सफाई उन खबरों के बाद आई, जिनमें कहा गया था कि साक्षी पहलवानों के आंदोलन से पीछे हट गई हैं. उन्होंने इन खबरों को गलत बताया और कहा कि इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा.
इसी बीच कुश्ती महासंघ की निगरानी समिति की सदस्य रह चुकीं बबीता फोगाट ने पहलवानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “लोग पहलवानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें कानूनी प्रक्रिया और सिस्टम पर भरोसा रखना चाहिए. सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सब कुछ कर रही है. मैं हमेशा उनके (पहलवानों) साथ हूं”.
खिलाड़ियों की जो मांगें हैं, उन पर सरकार की पूरी नजर है, सरकार हर चीज को देख भी रही है और संभाल भी रही है.
सभी खिलाड़ियों ने मिलकर साक्षी का नाम लेने का फैसला किया था. साक्षी ने खुद कहा था कि मैं नहीं संभाल पाऊंगी. साक्षी ने कहा कि आप लोग अगर सहमत हों तो चाहूंगी कि बबीता को कमेटी का सदस्य बनाया जाए. इस पर सभी ने सहमति भी दी. मैंने किसी के साथ अन्याय नहीं किया और न होने दूंगी.
जिस किसी ने भी ये सलाह दी, उसने खिलाड़ियों के बारे में नहीं सोचा. कहीं न कहीं खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया गया. मैं अगर वहां होती तो कभी ऐसा नहीं करने देती. फिर क्यों न पैर ही पकड़ने पड़ते. मुझे इस बात की तकलीफ है.
बता दें कि शनिवार को पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में इसकी पुष्टि की थी. वे भी इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने कहा था कि बैठक में पहलवानों ने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी. लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही.
उन्होंने बताया कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए. सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.
गौरतलब है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इससे पहले जनवरी में भी पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दिया था.
हालांकि, तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवान वापस लौट गए थे. इस बार पहलवानों ने नई संसद के उद्घाटन के दौरान संसद भवन के सामने ही प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी. मगर, पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और पहलवानों के धरनास्थल को खाली करा लिया. इस दौरान पुलिस और पहलवानों के बीच हुई झड़प और हिरासत में लिए जाने की भी तस्वीरें सामने आई थीं.