मथुरा. मथुरा में चल रहे सड़क निर्माण कार्य के बीच आ रही एक मजार को तोड़ दिया गया. मजार को कथित तौर पर करीब 400 साल पुराना बताया जा रहा है. इस मजार पर हिंदू और मुस्लिम दोनो धर्मों के लोग आया करते थे. तोड़ी गई मजार सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा संचालित की जाती थी. साथ ही आस पास की जमीन भी सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास है. प्रशासन ने मजार के आस पास रह रहे लोगों को कुछ महीने पहले ही मजार हटाने के लिए कहा था. जिसके बाद मजार के संचालकों ने मथुरा की अदालत में मामला दाखिल कर दिया था. जिसकी सुनवाई अभी जारी है.
स्थानीय लोगों ने बताया की इस मजार पर हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोगों की काफी गहरी आस्था थी. जब हमने लोगों से और बातचीत की तो रवि कश्यप नाम के युवक ने कहा की इस मजार को तोड़ कर प्रशासन ने ठीक नहीं किया. इस मजार को बिना तोड़े भी सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा सकता था. वहीं जब वो मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से भी रोक दिया.साथ ही रवि ने यह भी कहा की उनकी इस मजार पर काफी आस्था थी .इसी मजार पर उन्होंने अपने लिए बच्चे की मन्नत मांगी थी जो बाद में पूरी भी हो गई.
सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा इस मजार को संचालित करने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया. उस कमेटी के सेक्रेटरी मोहमद शादाब ने बताया की करीब 4-5 महीने पहले प्रशासन की तरफ से उन्हें बताया गया की सड़क चौड़ीकरण के कार्य के बीच यह मजार आ रही है. जिसे की आपको हटाना होगा. इस नोटिस मिलने के बाद शादाब ने कोर्ट में केस दायर किया. जिसकी अगली सुनवाई 30 मई को मथुरा की अदालत में होने वाली थी. लेकिन सुनवाई से पहले ही प्रशासन ने मजार को तोड़ दिया. प्रशासन ने न ही किसी मुआवजे की बात कही और न ही मजार के लिए बोर्ड को कोई नई ज़मीन आवंटित की है.
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