नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमत में पिछले एक साल से किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. पिछले साल 22 मई को केंद्र सरकार ने तेल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी. जिसके बाद पेट्रोल-डीजल के रेट 8 रुपये प्रति लीटर तक घट गए थे. हालांकि इस पूरे साल के दौरान क्रूड ऑयल की कीमत काफी नीचे आई हैं. इस समय क्रूड 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहा है. पेट्रोल-डीजल का रेट महंगा होने के कारण लोगों के बीच इलेक्ट्रिक व्हीकल का क्रेज बढ़ा है. लेकिन कई बार महंगी कीमत और मेंटीनेंस के कारण इलेक्ट्रिक कार नहीं खरीद पाते.
प्रदूषण के बढ़ते स्तर और पेट्रोल की बढ़ती कीमत को देखते हुए सरकार आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल के दाम कम करने की प्लानिंग पर काम कर रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतें पेट्रोल कारों के बराबर हो जाएं. आपको बता दें फिलहाल पेट्रोल कारों के मुकाबले डीजल और सीएनजी कारें महंगी मिलती हैं. पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से इस बारे में ऐलान किया गया था.
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल एक कार्यक्रम में कहा था कि वह दिन दूर नहीं, जब इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत पेट्रोल कारों के बराबर होगी. गडकरी ने कहा था कि देशभर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए सरकार का विस्तृत प्लान है. आपको बता दें सरकार अपने इस कदम की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है. इस समय इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पेट्रोल कारों के मुकाबले ज्यादा है. उनके इस बयान के बाद कार चलाने वाले लोग खुश हैं.
उन्होंने इस दौरान यह भी कहा था कि देश में आने वाला समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का है. केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि इलेक्ट्रिक ईंधन जल्द वास्तविकता बन जाएगा. एक रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रिक व्हीकल की प्रत्येक कैटगरी में गाड़ियों की बिक्री में 800 प्रतिशत तक का उछाल आ रहा है. एक आंकड़े के अनुसार इस समय हर साल 25 से 30 लाख इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. देश में हाइड्रोजन कारों पर भी तेजी से काम चल रहा है.