लखनऊ। दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में अभी भी ज्यादा अवसर है. इस व्यवसाय की तरफ ज्यादा से ज्यादा किसान रूख करें इसके लिए सरकार भी अपने स्तर पर ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रही है. अब प्रदेश सरकार ने दुग्ध व्यवसाय के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए 190 गांवों का चयन किया है.
इन चयनित गांवों को दुग्ध व्यवसाय के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इन समितियों को दुग्ध मूल्य का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा. इसमें वाराणसी, बरेली के 15-15 गांव. मिर्जापुर, प्रयागराज, चित्रकूट, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, आयोध्या, गोंडा, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ के 10-10 गांव शामिल किए गए हैं. वहीं, कानपुर, मथुरा, बुलंदशहर, आगरा के 5-5 गांवों को आदर्श ग्राम में शामिल किया गया है.
सभी दुग्ध समितियों के सदस्यों, सचिवों एवं टेस्टर को तकनीकी जानकारियां भी दी जाएंगी. समिति के दुधारू पशुओं के लिए पशु आहार, मिनरल मिक्सर एवं पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होगी. इसके अलावा दुधारू पशुओं का टीकाकरण, टिक कंट्रोल, डिवर्मिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
डेयरी फार्म का व्यवसाय ग्रामीणों के लिए आय का एक बढ़िया स्रोत साबित हो रहा है.अगर आप गांव में रहकर बढ़िया आमदनी पाना चाहते हैं, तो डेयरी फार्म के व्यवसाय में हाथ आजमा सकते हैं. इस बिजनेस में कम लागत में अच्छा मुनाफा है. इसके लिए आपको केवल उन पशुओं की आवश्यकता है जो दूध देते हैं. साथ ही सरकार भी डेयरी खोलने के लिए आर्थिक मदद करती है. इस योजना के तहत नाबार्ड डेयरी फार्म खोलने को इच्छुक किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी देता है. वहीं, एसटी / एससी किसानों को इसी काम के लिए 33.33 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है.